शनिवार, 28 नवंबर 2015

वैदिक प्रश्नोत्तरी

      -: वैदिक प्रश्नोत्तरी :-
एक प्राचीन मंदिर की छत पर कुछ
कबूतर राजी खुशी रहते थे..
जब वार्षिकोत्सव की तैयारी के लिये मंदिर
का जीर्णोद्धार होने लगा
तब कबूतरों को मंदिर छोड़कर पास के चर्च में जाना पड़ा..।
चर्च के ऊपर रहने वाले कबूतर भी नये कबूतरों के
साथ राजी खुशी रहने लगे..
क्रिसमस नज़दीक था तो चर्च का भी
रंगरोगन शुरू हो गया.।
अत: सभी कबूतरों को जाना पड़ा नये ठिकाने
की तलाश में..
किस्मत से पास के एक मस्जिद में उन्हे जगह मिल
गयी और..
मस्जिद में रहने वाले कबूतरों ने उनका खुशी-
खुशी स्वागत किया..
रमज़ान का समय था..
मस्जिद की साफसफाई भी शुरू हो
गयी तो..
सभी कबूतर वापस उसी
प्राचीन मंदिर की छत पर आ गये..
एक दिन मंदिर की छत पर बैठे कबूतरों ने देखा कि
नीचे चौक में धार्मिक उन्माद एवं दंगे हो गये...
छोटे से कबूतर ने अपनी माँ से पूछा...
" माँ ये कौन लोग हैं ?"
माँ ने कहा " ये मनुष्य हैं"।
छोटे कबूतर ने कहा..
" माँ ये लोग आपस में लड़ क्यों रहे हैं ?"
माँ ने कहा..
" जो मनुष्य मंदिर जाते हैं वो हिन्दू कहलाते हैं..
चर्च जाने वाले ईसाई और..
मस्जिद जाने वाले मनुष्य मुस्लिम कहलाते हैं.."
छोटा कबूतर बोला..
" माँ एसा क्यों.. ?
जब हम मंदिर में थे ..
तब हम कबूतर कहलाते थे,
चर्च में गये तब भी कबूतर कहलाते थे और..
जब मस्जिद में गये तब भी कबूतर कहलाते थे,
इसी तरह यह लोग भी मनुष्य कहलाने
चाहिये चाहे कहीं भी जायें.."
माँ बोली..
" मेनें, तुमने और हमारे साथी कबूतरों ने उस एक
ईश्वरीय सत्ता का अनुभव किया है..
इसलिये हम इतनी ऊंचाई पर शांतिपूर्वक रहते हैं..
इन लोगों को उस एक ईश्वरीय सत्ता का अनुभव होना
बाकी है..
इसलिये यह लोग हमसे नीचे रहते हैं और...
आपस में दंगे फसाद करते हैं.."
�� वैदिक प्रश्नोत्तरी ��
॥ कविरदेव ॥
"कविरदेव ( कविर्देव )"यह मुख्य परमेश्वर का निज नाम है, जिस नाम के साथ अन्य सब नाम लग जाते हैं।
प्र.1- वेद किसे कहते है ?
उत्तर- परमेश्वरीय ज्ञान की पुस्तक को वेद कहते है।
प्र.2- वेद-ज्ञान किसने दिया ?
उत्तर- परमेश्वर ने दिया।
प्र.3- परमेश्वर ने वेद-ज्ञान कब दिया ?
उत्तर- परमेश्वर यानि कविरदेव( कविर्देव) ने सृष्टि के आरंभ में वेद-ज्ञान काल यानि ब्रह्म को दिया।
प्र.4- परमेश्वर ने वेद ज्ञान क्यों दिया ?
उत्तर- मनुष्य-मात्र के कल्याण के लिए।
प्र.5- वेद कितने है ?
उत्तर- पांच । 1-ऋग्वेद 2 - यजुर्वेद 3- सामवेद 4 - अथर्ववेद 5-स्वसम ( सूक्ष्म ) वेद
प्र.6- वेदों के ब्राह्मण कितने है
उत्तर- 1 - ऋग्वेद - ऐतरेय 2 - यजुर्वेद - शतपथ 3 - सामवेद - तांड्य 4 - अथर्ववेद - गोपथ 5-स्वसमवेद- ॐ तत् सत्(तत्व ज्ञान सहित)
प्र.7- वेदों के उपवेद कितने है।
उत्तर - पांच। वेद- उपवेद 1- ऋग्वेद - आयुर्वेद 2- यजुर्वेद - धनुर्वेद 3 -सामवेद - गंधर्ववेद 4- अथर्ववेद - अर्थवेद 5- स्वसमवेद-कविर्गीर्भि यानि कविरबाणी जिसका सार कबीरबाणी मे संग्रहीत है
प्र 8- वेदों के अंग कितने हैं ।
उत्तर - छः 1 - शिक्षा 2 - कल्प 3 - निरूक्त 4 - व्याकरण 5 - छंद 6 - ज्योतिष
प्र.9- वेदों का ज्ञान काल ने किन किन ऋषियो को दिया ?
उत्तर- प्रारभ्भ मे चार ऋषियों मे काल यानि ब्रह्म ने प्रवेश करके सिर्फ चार वेदो का दिया तत्पश्चात जरूरत पड़ने पर अन्य समय पर भी दिया है ।
वेद ऋषि
1- ऋग्वेद - अग्नि 2 - यजुर्वेद - वायु 3 - सामवेद - आदित्य 4 - अथर्ववेद - अंगिरा
5-स्वसमवेद- स्वयं परमात्मा प्रकट होकर प्रत्येक युग मे उस समय की प्रचलित भाषा मे दिया करते है।
प्र.10- वेदों में किस तरह का ज्ञान है ?
उत्तर- सब सत्य विद्याओं का ज्ञान-विज्ञान।
प्र.11- वेदो के विषय कौन-कौन से हैं ?
उत्तर- पांच 1- ऋग्वेद - ज्ञान 2- यजुर्वेद - कर्म 3- सामवेद - उपासना 4- अथर्ववेद - विज्ञान 5-स्वसमवेद-पूर्ण मोक्ष
प्र.12- वेदों मे स्थित ज्ञान को कैसे समझे
उत्तर - इसके लिये सभी सन्तो की अध्यात्मिक ज्ञान चर्चा अति जरूरी है।पर दुर्भाग्य है कि कोई भी सन्त आपस मे अध्यात्मिक ज्ञान चर्चा को तैयार नही है।इसके लिये आप एक कार्य कर सकते है ।विश्व मे तत्वदर्शी रामपालजी महाराज ही ऐसे सन्त है जो हमारे ग्रन्थो मे से प्रमाणसहित ज्ञान को निकाल निकाल कर समझा रहे थे।पर दुर्भाग्य की बात है कि उनको षड्यंत्र के तहत जेल मे डाला जा चुका है।आप अगर ग्रन्थो का निष्कर्ष समझना चाहते है तो आप तत्वदर्शी सन्त रामपाल जी महाराज के अमृत वचनो को साधना टी वी पर शाम 7 बजकर 40 से 8 बजकर 40 मिनट तक सुने साथ में कापी कलम लेकर बैठे वह जो भी प्रमाण जिस दिन भी दिखाये उन प्रमाणो को नोट करे।तत्पश्चात उन प्रमाणो का मिलान अपने ग्रन्थो से करे।इस तरह वेदों मे स्थित ज्ञान को आसानी से समझा जा सकता है ।जहा पर समझ मे ना आते तब सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायियों से अपनी जिज्ञासा का समाधान जरूर करे। ज्ञान गंगा को पढे।यदि आपके ज्ञान समझ मे आये तब आप जरूर जुडे। पूरे विश्व मे सन्त रामपाल जी महाराज ही ऐसे सन्त है जो हमेशा ही प्रत्येक बात का जबाव विस्तार से देते है व जिज्ञासुओ की प्रत्येक शंका का समाधान करते है ।
प्र 15-हम सन्स्कृत नही पढ सकते फिर सच्चाई को कैसे जाने
उत्तर - हमे परमात्मा को जानना व पहचानना है इसके लिये आप ज्ञान ग॔गा पुस्तक मंगाकर पढे। ज्ञान गंगा प्राप्त करने के लिये साधना टी वी पर सन्त रामपाल जी महाराज के प्रवचन के दौरान दिखाये जाने वाले मोबाइल नम्बरो पर अपना पता भेज दे ।किताब आपको मुफ्त मे घर बैठे मिल जायेगी। ज्ञान गंगा मे चारो वेद गीता व 18 पुराणो का निचोड़ है।किताब मे दी प्रत्येक सच्चाई का मिलान ग्रन्थो से किया जा सकता है।
प्र16-सन्त रामपाल जी महाराज के बारे मे समाज मे अफवाहे बहुत है।
उत्तर - विवेकी व्यक्ति अफवाहो पर विश्वास ना कर हंस की तरह नीर क्षीर को अलग किया करते है।बंजारा नेवले को मारकर बहुत पछताया था ।वैसे ही अफवाह फैलाने वाले एक ना एक दिन जरूर पछतायेगे।अफवाहो पर विश्वास करना अपने बहुमूल्य समय का नाश करना होगा । ज्ञान ग॔गा किताब पढ़कर स्वयं निर्णय करे क्या सच है क्या झूठ है।आप खुद व्यक्तिगत रूप से आश्रम के लोगों से मिलकर जांच कर सच्चाई जानने की कोशिश करें।
प्र17- सन्त रामपाल जी महाराज के लोग इतने दीवाने क्यो है?
उत्तर- सन्त रामपालजी महाराज ही ऐसे प्रथम सन्त है जो हमेशा सर्वजन सुखाय सर्वजन हिताय की बात कहते व करते है व सम्पूर्ण मानवजाति के प्रति उनका नजरिया सम भाव सम दृष्टि वाला है।प्रथम बार पूरी पृथ्वी पर अध्यात्म के गूढ रहस्यो को बहुत ही सरल तरीके से सन्त रामपाल जी महाराज ने समझाया है । उनके द्वारा प्रदत्त मन्त्रो मे गजब की शक्ति है दैनिक दैविक भौतिक तीनो तरह के कष्टो का नाश होता है।
प्र18- दैहिक दैविक भौतिक कष्टो से तात्पर्य
उत्तर- दैहिक का मतलव शरीर सम्बन्धी बीमारी दैविक का मतलव देवी देवताओं या पितरो का कोप भौतिक का मतलव समाज के धूर्त लोगो द्वारा वैचारिक सम्प्रेषण या अन्य विधियों द्वारा बुद्धि को दूषित करना या तरक्की के मार्ग मे बाधा उत्तपन्न करना।
प्र19-सन्त रामपाल जी महाराज अपना भौतिक कष्ट क्यो नही काट पा रहे है या उनके भगवान कबीर साहेब कष्ट को क्यो नही काट पा रहे है जबकि उनके अनुयायियों ने लिखा कि मन्त्र जाप से अमुक अमुक कष्ट कटे है।
उत्तर देह धरे का दण्ड है भुगतै है सब कोय
ज्ञानी भुगतै ज्ञान कर मूर्ख भुगतै रोय राम ना काहू मारि है पापी नही है राम
आपहि ही मर जावैगे कर कर खोटे काम
सन्त ना छोडै सन्तता चाहै कोटिक मिलौ असन्त
चन्दन भुवंगा बैठिया तऊ शीतलता ना तजन्त
चाहै आकाश पाताल जाउ फोडि जाहु ब्रह्मण्ड
कहै कबीर मिटि है नही देह धरे का दण्ड
संसार मे कष्ट दो तरह से उत्तपन्न होता है एक कारण से उत्तपन्न होता है दूसरा अकारण उत्तपन्न होता है कारण से उत्तपन्न हुये कष्ट मे स्वयं के कर्म व पूर्व जन्म के कर्म होते है व अकारण कष्ट मे बेवजह ही ईर्ष्यालू दुष्ट व दुश्मन द्वारा रचे गये षड्यंत्र होते है।कारण से उत्पन्न कष्ट व अकारण उत्पन्न कष्ट दोनो ही सुमिरन से कटेगे चाहे वह सन्त हो या उसका अनुयायी सन्त या भगत को सहनशील बनना पडेगा।सन्त रामपाल जी महाराज या अनुयायियों पर आया कष्ट अकारण प्रकार का है और परमात्मा के विधान के तहत है सुमिरन से सब कट जायेगा ।
प्र20-कबीर साहेब ने कहा कि
दुख मे सुमिरन सब करै सुख मे करै ना कोय
जो सुख मे सुमिरन करै तो दुख काहै को होय
उत्तर-कबीर साहेब ने यह भी तो कहा
दुख लेने जावै नही आवै आचाबूच
सुख का पहरा होयगा दुख करैगा कूच
सुमिरन से सुख होत है सुमिरन से दुख जाय।
कहै कबीर सुमिरन किये साई मांहि समाय।।
काल के लोक मे काल के विधान के तहत ही रहना पडता है परमात्मा कबीर को वावन बार मौत की सजा दी गयी तलवार से काटा क्या उनको कोई तलवार से काट सकता था अपनी शक्ति से वह क्या नही कर सकते थे पर उन्होने काल के लोक मे अनायास आने वाले दुखो को सुमिरन करके काट कर बताया कि यहा कितना भी कष्ट आवे सुमिरन मत त्यागना मर्यादा मत त्यागना यदि कष्ट कारण से आया होंगा वह भी कटेगा अकारण से आया होगा वह भी कटेगा ।सतलोक के साधक को पृथ्वी लोक पर ही हँस बनना पड़ेगा तभी सतलोक की प्राप्ति हो पायेगी
प्र21- भक्ति मार्ग की मूल मर्यादा क्या है।
उत्तर-कोई कितना भी बुरा सोचे बुरा कहे या बुरा करे उसका भी बुरा करना तो बहुत दूर की बात बुरा सोचना तक नही है। सब कुछ सहन कर लेना ही भक्ति मार्ग की मूल मर्यादा है । जगत व भगत मे यही अन्तर है कि जगत वाला बदला लेने को उतारू रहता है।और भगत सहन कर लेता है और अपना समय भजन मे लगाता है।परमात्मा कबीर को कितना सताया पर सन्त रूप मे रह रहे परमात्मा कबीर ने अपनी सन्तता नही त्यागी।
प्र22- सन्त रामपाल जी महाराज द्वारा प्रदत्त मन्त्रो की शक्ति कैसे आजमाये
उत्तर -आप बालाजी या अन्य स्थानो पर भूत प्रेत या मनः विक्षप्ति लोगो को लेकर जाते है या कोई दवाई काम नही कर रही हो तो उस व्यक्ति को सन्त रामपाल जी महाराज की विधि से मन्त्र का जाप करवाये आपको खुद व खुद सच्चाई का पता चल जायेगा।
प्र23- पहले आप लोगो को कांग्रेस ने सताया तब आपने भारतीय जनतापार्टी को वोट दिया अब भारतीय जनता पार्टी ने सताया तो किसे वोट देंगे
उत्तर-सन्त रामपाल जी महाराज कभी भी किसी पार्टी के प्रति वोटो की अपील नही करते हाँ भगतो ने अपनी मर्जी से भारतीय जनता पार्टी को वोट दिये थे भारतीय जनता पार्टी को वोट देने का मूल कारण नियोग समर्थित आर्य समाजियो द्वारा कांग्रेस सरकार पर दवाब बनाकर सन 2006 मे झूठे केस बनवाना था।
प्र24-सन्त रामपाल पाल जी महाराज खुद को भगवान कहते है
उत्तर- यह बात गलत है यदि आपके पास कोई लिखित या आडियो वीडियो मे प्रमाण हो बताओ ।सच्चाई यह है कि कबीर पंथ मे गुरू का दर्जा भगवान से ऊपर है ।ऐसे मे सभी अनुयायी उनको बन्दीछोड़ कहते है ।गुरू को भगवान कहने का मतलव गुरू का दर्जा नीचा करना है।बन्दीछोड शब्द की व्याख्या समझने के लिये ज्ञान ग॔गा पढ़े या साधना टी वी देखे।
मानुष सोई जानिये जाहि विवेक विचार
जाहि विवेक विचार नही सो नर ढोर ग॔वार
प्र25-हरियाणा मे लोग कहते है व टी वी पर सुना है कि वहा नरबलि दी जाती थी ।
उत्तर-टी आर पी के चक्कर मे मीडिया क्या बोल दे कुछ पता नही मीडिया के प्रति भारत का कानून कमजोर है।प्रबुद्ध वर्ग मे यह चर्चा तो आम है कि मीडिया बिकाऊ है रही बात हरियाणा के लोगों की तो सभी हरियाणा मे ऐसे नही है बल्कि हरियाणा व अन्य जगह के नियोग समर्थित आर्य समाजी अफवाह उड़ाने मे दक्ष है।जिन आर्य समाजियो ने समझ लिया कि सत्यार्थ प्रकाश समाज नाशक है ऐसे आर्य समाजी सन्त रामपाल जी महाराज के पक्ष में है हमारा मानना है मीडिया अफवाहो का शिकार हुई साथ में झूठी अफवाह फैलाने मे बिकाऊ मीडिया के कुछ चैनल जिम्मेदार है । किसी दिन सच्चाई अपने आप ऊपर आ जायेगी
प्र26- आश्रम मे आपत्तिजनक सामग्री मिली थी
उत्तर-सब झूठ था मै तो कहता हू कि हम लोगो के नारको टेस्ट के साथ सतलोक आश्रम की रिपोर्टिंग करने वाले मीडिया के सभी पत्रकारो का नारको टेस्ट होना चाहिए सरकार को चाहिये कि नारको टेस्ट का टेलीविजन पर लाइवकास्ट कराये।
प्र27- सन्त रामपाल जी महाराज सभी धर्मो की निन्दा करते है।
उत्तर -सन्त रामपाल जी महाराज कभी भी किसी की निन्दा नही करते है उन्होने जो भी कुछ कहा वह यथार्थ है आप छानबीन करके बताये कहां पर गलत कहा है।सन्त रामपाल जी महाराज ने अपने अनुयायियों के प्रश्नो के जबाव मे सभी धर्मो का राज खोला है ।उसको मानो या ना मानो आप पर निर्भर है।
सब काहू का लीजिये सांचा शब्द निहार
पक्षपात ना कीजिये कहै कबीर विचार
प्र28- आश्रम मे कोई सुरंग थी
उत्तर -नही ।मीडिया को साथ लेकर दोवारा जांच करा ली जाये ।सुरंग ना मिलने पर मीडिया व हरियाणा वालो से पूछा जाये कि सुरंग कहां पर है
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प्र29 -आर्य समाजी सन्त रामपाल जी महाराज के प्रति इतने हमलावर क्यो है।
उत्तर-अनेक आर्य समाजी नियोग को पसन्द करते है।नियोग की व्याख्या सत्यार्थ प्रकाश मे है इस तथ्य को आप वहाँ पढ सकते है नियोग के विरोध मे कोई कुछ कह दे तो यह लोग मारने को तैयार हो जाते है ।इनके यहाँ नियोग को मान्यता दी गयी है। बहुत कम आर्यसमाजी है जो नियोग का विरोध करते है ।नियोग का स॔क्षिप्त मतलव यह है कि यदि इनकी पत्नि के साथ कोई दूसरा आर्य समाजी सम्भोग कर सन्तान उत्पन्न कर दे तो इन्हे कोई ऐतराज नही है यह उस संतान को प्रसन्नचित्त होकर स्वीकारते है।इसी नियोग की वैधानिकता के सम्बन्ध मे कईयो ने सन्त रामपाल जी महाराज से प्रश्न पूछे उन प्रश्नो के जवाब मे सन्त रामपाल जी महाराज ने बताया कि नियोग व्यवस्था सामाजिक सैद्धान्तिक व वैधानिक दृष्टि से गलत है ।इससे सामाजिक संतुलन बिगड जायेगा । नियोग व्यवस्था को गलत ठहराने वाली बात इन आर्य समाजियो को बुरी लगी।फलस्वरूप ऐसे लोगो ने एक निर्दोष सन्त को तरह तरह से बदनाम किया व षड्यंत्र रचे।
प्र30-क्या मीडिया ने सब झूठ बोला व लिखा है उत्तर- सन्त रामपाल जी महाराज व उनके अनुयायियों पर मीडिया वाले या अन्य जो भी झूठे व बनावटी आरोप लगा रहे है वह बहुत बड़े पाप के भागी बन रहे है खुद व खुद जांच कर लो ऐसे झूठे आरोप लगाने वालों में जिनके पुण्य कर्म खत्म हो गये उनकी खूब दुर्दशा हुई जो यह सोच रहे है कि हमारा कुछ नहीं बिगडा तो ऐसे लोगो के पुण्य कर्मो के खत्म होने का इन्तजार करो
प्र31-सन्त रामपाल जी महाराज दासातन की बात करते रहे है और कहते है सबका हो जा दास दासातन मे तो किसी का विरोध ना करना होता है यानि किसी के भी गलत काम का विरोध मत करो जिससे विचार मिले उसका दास बनकर रहो।
उत्तर-यह सत्य है दासातन मे विरोध नही होता दासातन का यथार्थ मतलव यह है उन सबका दास हो जा जिससे हमारा आत्म कल्याण सिद्ध हो उससे बच जा जो आत्मकल्याण मे बाधक हो ।यह तो हम भी जानते है कि दुष्ट प्रकृति के लोगो का विरोध करना फिर उनसे लडना मोक्ष मार्ग मे बाधक होगा जब हम समाज सुधार के रास्ते पर चलते है तब सच बात प्रमाण सहित कहना मजबूरी होती है ।आत्म कल्याणक सच बात का जो विरोध करे उससे बचना है व उनकी प्रताडना को सहन कर लेना भी दासातान है और यह दासातन सन्त रामपाल जी महाराज मे स्पष्ट देखा जा सकता है निर्दोष होते हुये भी सताने वालो को कटु शब्द का इस्तेमाल ना करना भी दासातन है। जो इस ज्ञान को अभी नही मान रहे विरोध कर रहे किसी ना किसी दिन पछता करके मानेगे ।सन्त रामपाल जी महाराज के ज्ञान का विरोध करने वालो की संख्या बहुत कम है यही षड्यंत्रकर्ता जनता को सन्त रामपाल जी महाराज का विरोध करने के लिये उकसा रहे है भडका रहे है जनता धीरे धीरे जागरूक होगी और इन षड्यंत्र कारियो की एक ना मानेगी।दैत्यो ने देवताओं को हमेशा त॔ग किया है वही स्थिति आज सन्त रामपाल जी महाराज व उनके अनुयायियों के साथ है ।अन्त मे सत्य की जीत जरूर होगी।
प्र32-भोगेगा अपना किया रे से क्या तात्पर्य
उत्तर- इस काल के लोक का मूल सिद्धान्त जन्म वृद्धि व मृत्यु है ।यहा के 21 ब्रह्माड मे परिवर्तनशीलता के शिवा कुछ नही है हरक्षण परिवर्तनशील है इसी तरह से कर्म के मामले मे यही बात लागू होती है छोटी सी बुरी सोच या कर्म जब भी जन्म लेता है तो वह सोच या कर्म अपने आप वृद्धि को प्राप्त हो जाता है साधारणतया किसी दुर्जन के बुरे कर्मो को छोटे आदमी सन्त या भगत सहन कर लेते है पर उसका परिणाम उस दुर्जन को जरूर मिलता है जब तक दुर्जन के पास पिछली सत साधना के फलस्वरूप पुण्य कर्म है तो भी वर्तमान मे सत साधना ना करने पर भी पुराना सतकर्मी प्राणी जो अब दुष्ट बनकर दुष्टता दे रहा है लम्बे समय तक सुखी रहता है पर अन्त मे सतसाधना ना करने पर दुर्गति को प्राप्त हो जाता है पर सतकर्मी प्राणी के पुण्य लंबे समय तक क्षीण नही होते अतः मर्यादा मे रहकर सतसाधना जरूरी है सत् साधना से यह लोक भी सुधरेगा परलोक भी सुधरेगा यानि सतसाधक पूर्ण मोक्ष प्राप्त करेगा
प्र33-सी बी आई जांच किन किन मुद्दों की चाहते है।
उत्तर-पुलिस द्वारा बनाये गये सभी झूठे सबूतो के साथ साथ उन सभी षड्यंत्र कर्ताओ की जिन्होने झूठी अफवाहे फैलाकर देश समाज व जनता को गुमराह किया।
प्र34- सी बी आई जांच पर इतना भरोसा क्यो
उत्तर-सी बी आई पहले भी निष्पक्ष थी आज भी निष्पक्ष है
प्र35-आप बाबा रामदेव का नारको टेस्ट क्यो कराना चाहते है
उत्तर - बाबा रामदेव सन्त नही व्यापारी है।इनके नारको टेस्ट से कई पुराने राज खुलेगे।
प्र36-क्या आप शाश्त्रार्थ को तैयार है
उत्तर -हाँ कोई भी धर्म गुरू या उनकी मंडली जितने समय तक बोले उतने ही समय तक सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायियों को निर्बाध रूप से बोलने का समय दिया जाय। पूरे कार्यक्रम का टीवी पर लाइव प्रसारण कराया जाये।
प्र37-सन्त रामपाल जी महाराज इतनी प्रबल शक्ति है तो सभी को भस्म क्यो नही कर देते
उत्तर- बदला लेने का कार्य सन्त या भगत का नही होता है।सन्त हमेशा सहनशील होते फिर अध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी किसी को बद्दुआ देना तक गलत है ऐसा करने पर कर्म संस्कार बन जायेगा उसका बदला किसी ना किसी जन्म चुकाने के लिये जन्मना व मरना पडेगा।मोक्ष हो ही नही सकता मोक्ष जभी होगा जब आपके साथ किसी का लेन देन बकाया ना हो।द्वतीय परमात्मा के सभी बच्चे है सन्त परमात्मा के नुमाइन्दे होते किसका अहित करे । सभी तो परमात्मा के बच्चे है पूर्व मे जिन्होने सन्त रामपाल जी महाराज के प्रति गल्तिया की उनमे से हजारो भगत बन गये अगर उस समय सन्त रामपाल जी महाराज ने द्वेष भाव दिखाया होता तो ऐसा सम्भव नही था वर्तमान मे भी जो अज्ञानता वश षडयन्त्र कर रहे है वह परमात्मा के बच्चे है ।जब षडयन्त्रकर्ताओ को सच्चाई का ज्ञान होगा तब समस्त बुराईया त्याग कर अच्छे इसान बनेगे।फिर कोई भी बैर भाव से नही सुधर सकता जब यह षडयन्त्र करते करते थक जायेगे तो खुद सोचेगे कि उन्होंने गलत किया था हर आदमी कभी ना कभी अपने गलत काम का पश्चाताप करता है। यहा हर कर्ज चुकाना पडता है।सन्तो को सताने का दण्ड परमात्मा अपने विधान के अनुरूप जरूर देता है ।जैसे हिरणाकशप ने प्रह्लाद को सताया जब तक हिरणाकशप के पुण्य शेष थे हिरणाकशप को परमात्मा ना मार सके पर प्रह्लाद की रक्षा जरूर करते रहे। पुण्य कर्म खत्म होते ही हिरणाकशप मारा गया।
प्र38-आप बरवाला कांड के लिये किसे जिम्मेदार ठहराते है
उत्तर- शाश्त्रार्थ में पराजित धर्मगुरू बार बार मौका बना रहे थे और मौका ढूँढ भी रहे थे वही दूसरी तरफ वर्तमान सरकार के राजनीतिक विरोधी सरकार को बदनाम करना चाहते थे यह माना जा सकता है कि वरबाला काड एक नवोदित सरकार को बदनाम करने की साजिश का हिस्सा भी था और वह इस कार्य मे नकली धर्म गुरूओ का पूरा सहयोग कर रहे थे। पर हम किसी को जिम्मेदार नही ठहराते यह तो परमात्मा जाने अपने बच्चों को शरण मे लेने के लिये क्या खेल खेल रहे है हम तो वश कठपुतली की तरह नाच रहे है।जो भी षड्यंत्र रच रहा है वह खुद व खुद पाप कर्मो का भागी होगा हमारा कर्म संस्कार मे विश्वासहै।पाप पुण्य का फल भोगना पड़ता है सताने वाले उसी तरह विनाश को प्राप्त हो जायेगे जैसे हिरणाकशप प्राप्त हुआ। परमात्मा की रेल उसी गति से दौडती रहेगी सन 2020 तक पूरे विश्व मे इस ज्ञान की लहर होगी 2030 तक यह ज्ञान पूरे विश्व मे छा जायेगा
प्र39- हिरणाकशप ने प्रह्लाद को खूब सताया बाद मे मारा ऐसा क्यो
उत्तर- यह परमात्मा का विधान है कि पुण्य कर्म के शेष रहते कितने भी पाप कर्म करो परमात्मा आपका कुछ नही बिगाड पायेगे पर अपने भगत की रक्षा जरूर करते रहेगे परमात्मा का खेल राक्षस के पुण्य कर्मो के समाप्त होने पर शुरू होता है यह सभी को पता है करोथा कांड व बरवाला कांड करवाने वालों में कितनो की दुर्गति हो चुकी है जिन षड्यंत्रकर्ताओ की दुर्गति अभी तक नही हुई है उनके पुण्य कर्म अभी भी शेष है।
प्र40--वर बाला कांड मे छ मरे उनके बारे मे क्या विचार है
उत्तर- परमात्मा कभी गलत नही करता परमात्मा देखता है कि यह भगत आगे काल के जाल मे चला जायेगा तो उसकी मृत्यु कराना उचित समझता है।उसे किसी भगत के घर जन्म देकर पुनः भगति करायेगा यदि भगत की भगति पूर्ण हो जाती है तो वह अपने आप परमात्मा के विधान के तहत सतलोक जाता है।
प्र41- सच्चाई को कैसे जाना जाये ।
उत्तर-सभी धर्मगुरूओ की किताबो का तुलनात्मक अध्ययन करिये उनके प्रवचन सुन कर खुद समझिये कि इन धर्म गुरूओ द्वारा कही जा रही बातो का उल्लेख किसी धर्म शाश्त्र मे है या कि नही है । जहा पर इन धर्म गुरूओ का ज्ञान समझ मे ना आये तब प्रश्न करिये और बार बार प्रश्न करिये इस तरह सच्चाई का पता अपने आप चल पायेगा
भेष देख मत भूलिये बूझि लीजिये ज्ञान।
बिना कसौटी होत नहि कंचन की पहिचान।।
प्र42-अध्यात्म जगत मे कहा जाता है कि गुरू से प्रश्न नही करने चाहिए
उत्तर- गुरू से प्रश्न नही करने चाहिए इस बात को इन नकली गुरूओ ने ढाल बना रखा है ।गुरू से प्रश्न अवश्य करने चाहिए
प्र43- सन्त रामपाल जी महाराज देवी देवताओ की निन्दा करते है।
उत्तर-सन्त रामपाल जी महाराज आदि सनातन धर्म के उपासक है व आदि सनातन धर्म की दीक्षा देते है सन्त रामपाल जी महाराज देवी देवताओ को पूर्ण आदर देने व पूर्ण ब्रह्म की पूजा करने की बात करते है और यह पूर्ण मोक्ष के लिये जरूरी है।सन्त रामपाल जी महाराज आदि सनातन धर्म का यथार्थ मार्ग बताते है।सनातन धर्म मे देवी देवताओं की पूजा का विधान है व मोक्ष प्राप्त करने की अन्य विधि बतायी जाती है सच्चाई यह है आदि सनातन धर्म के मोक्ष के अलावा किसी भी प्रकार का मोक्ष पूर्ण नही है पूर्ण मोक्ष सिर्फ आदि सनातन धर्म की साधना से प्राप्त किया जा सकता है जिसको शास्त्रविधि के अनुसार साधना कर मूर्ण मोक्ष प्राप्त करना है उस मोक्ष के इच्छुक व्यक्ति को सन्त रामपाल जी महाराज के मार्ग के अनुसार चलना पडेगा।अन्य किसी भी साधना से क्षणिक लाभ या अधूरा मोक्ष है ।सच्चाई जानने के लिये प्रमाण सहित किताब ज्ञान गंगा का अध्ययन जरूर करे।
प्र44-सन्तरामपाल जी महाराज सभी धर्म गुरूओ की निन्दा करते है
उत्तर-सन्त रामपाल जी महाराज ने किसी धर्मगुरू की निन्दा नही की अपितु जिज्ञासु अनुयायी जो वेद पुराण गीता व अन्य धार्मिक ग्रन्थो का निष्कर्ष निकालने की जी तोड कोशिश कर रहे थे और उन ग्रन्थो का निष्कर्ष निकालते निकालते उलझ गये ऐसे ही जिज्ञासुओ ने प्रथम प्रश्न करके सन्त रामपाल जी महाराज की परीक्षा की सन्त रामपाल जी महाराज ने प्रमाण सहित सभी यथार्थ बाते सभी शास्त्रो का अध्ययन करने के बाद बतायी यथार्थ बात कहना कोई निन्दा नही है मानो या ना मानो। सन्त रामपाल जी महाराज ने शाश्त्रो से निकाले तत्वज्ञान को किसी को मानने को विवश नही किया है।सन्त रामपाल जी महाराज के उत्तर से संतुष्ट होने पर ऐसे विद्वान जिज्ञासु सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायी बन गये।
प्र45-क्या मै प्रश्न करू सन्त रामपाल जी महाराज जबाब देंगे
उत्तर-बेशक सच्चे गुरू यह कभी नही कहते कि गुरू जी से प्रश्न नही किये जाते
प्रश्न46 -सन्त रामपाल जी महाराज अब चमत्कार क्यो नही करते
उत्तर-यही सबसे बड़ा चमत्कार है कि अल्प समय मे लाखो लोगो के अन्दर इस ज्ञान का समा जाना और 2020 से 2030 के मध्य तक पूरे विश्व मे समा जायेगा।चमत्कार सिद्ध किया करते सन्त नही सन्त आत्म कल्याण की बात करते है आत्म कल्याण के रास्ते पर चमत्कार अपने आप हो जाया करते है।
प्र47-क्या करोथा कांड तरह बरवाला कांड मे भी आर्य समाजी जिम्मेदार है।
उत्तर- करगस सम दुर्जन बचन रहै सन्त जन टार
बिजली पडै समुद्र मे कहा सकैगी जार
ज्ञानी को ज्ञानी मिलै रस की लूटम लूट
ज्ञानी अज्ञानी मिलै होवै माथा कूट
जिम्मेदार तो है पर हमने अपनी सोच को यही तक सीमित किया है कि करोंथा कांड व वरबाला कांड परमात्मा का एक विशेष खेल है इस खेल से अरबो आत्माओ का उद्धार होना है।भ्रष्ट तंत्र को सुधारने का विशेष खेल और समाज के लिये आईना भी है कि किस तरह निर्दोष व्यक्तियो को अपराधी बना दिया जाता है।परमात्मा के इस खेल से आगे लोगो के समझ आयेगा कि किस तरह झूठे गवाह व झूठे सबूतो के आधार पर एक निर्दोष को जेल की सलाखो के पीछे रखा जाता है।
इस खेल से परमात्मा ने हम तुच्छ जीवों को एक नया सन्देश दिया है कि यदि हमारे पिछले पाप कर्म हैं या कोई भौतिक कष्ट है तो वह सुमिरन व मर्यादा मे रहने से कटेगा।यदि अकस्मात कोई कष्ट आता है तो भी वह सुमिरन व मर्यादा मे रहने से कटेगा।परमात्मा की वाणी है
देह धरे का दण्ड है भुगतै है सब कोय
ज्ञानी भुगतै ज्ञान कह मूर्ख भुगतै रोय
यानि इस संसार मे जो भी शरीर धारण करने के उद्देश्य से आये उनको कष्ट अकारण भी भोगने पडते है परमात्मा कबीर को वावन बार मौत की सजा दी गयी वह चाहते तो सजा देने वाले का सर्वनाश कर सकते थे पर नही किया क्योंकि एक तो वह पिता थे दूसरे विधान के अतिरिक्त कोई कार्य परमात्मा या सन्त नही किया करते ।देश के राष्ट्रपति के पास समस्त पावर होने पर भी राष्ट्रपति को संविधान के तहत रहना पडता है।हम जब दूसरे देश मे जाते है तब हमे वहाँ के संविधान का पालन करना पड़ता है।
परमात्मा या परमात्मा के नुमाइन्दे सन्त जब पृथ्वी पर आते है उनको भी काल के संविधान के तहत सतर्क रहना पड़ता है। उनको हर क्षण सताने मारने के उपक्रम किये जाते है।यदि साधारण व्यक्ति परमात्मा या परमात्मा के नुमाइन्दे सन्त वाली बाते कहने लग जाय तो सम्भवतया एक दिन भी जीवित ना रह पाये परमात्मा या परमात्मा के नुमाइन्दे सन्त जो भी बाते कहते है वह इन सभी धर्माधीशो को बुरी लगती है।और यही धर्माधीश षड्यंत्र रचते है।इन धर्माधीशो के सामने क्या आम आदमी ठहर पायेगा पर परमात्मा के नुमाइन्दे पर इनकी आंच नही आती और परमात्मा के नुमाइन्दे उचित वक्त पर इनके षडयन्त्रो का दिखावटी शिकार होकर अपनी आत्माओ को शरण मे लेने का व्यापार किया करते है।सन्त रामपालजी महाराज द्वारा समाजसुधार व तत्वज्ञान के प्रचार की व्यवस्था को बिगाड़ने मे नियोग प्रणीत आर्यसमाजी धर्मगुरू न्यायपालिका कार्यपालिका व विधायिका के कुछ मुखिया और पूजीपति है इनको बदलने के लिये सन्त रामपाल जी महाराज का चलाया गया बहुत बडा अभियान है।बहुधा लोग प्रश्न किया करते है कि किताब मे ऐसा लिखा है कि सन्त रामपाल जी महाराज प्रबल शक्ति है तो ऐसा क्यो नही कर देते।यह तो बताओ सताने वाले भी तो परमात्मा के बच्चे है ।सन्त शक्ति का प्रयोग कल्याण के लिये करते है विध्वंश के लिये नही।सन्त परमात्मा के विधान से परिचित होते है अतः सताने वालो का भी बुरा नही सोचते ।इस काल के लोक मे बैलेन्स कभी बन नही सकता एक दूसरे के ऊपर कोई न कोई ऋण संस्कार बना रहता है ।जब तक सभी के साथ ऋण का भुगतान होकर बैलेन्स नही बनता और परमात्मा का भजन नही होगा काल के लोक से छुटकारा नही पा सकते। परमात्मा के विधान से परिचित सन्त सताने वाले को बद्दुआ तक नही देते क्योंकि उन्हे पता है कर्म संस्कार बन जायेगा ।बहुत सी बीमारिया भी पाप कर्मो का परिणाम होती है ।पाप कर्मो का विनाश पूर्ण सन्त के बिना सम्भव नही है।इसीलिये कहा जाता कि पाप से डरो पापी से नही।
इस काल के लोक मे कोई भी कितनी भी सत्य व हितकारी बात या काम क्यो ना करे लोग उसके दुश्मन बन जाते है।और जिसको आपकी कही गयी बाते पसंद नही वह नुकसान पहुँचाने की चेष्टा करता है।
सतलोक से पदार्पण किये सन्त राम पाल जी महाराज के खाते मे कोई कर्म संस्कार शेष नही था और ना ही उन्होंने व्यक्तिगत रूप से किसी को कोई नुकसान पहुँचाने की चेष्टा की जो उनका कोई कर्म संस्कार वर्तमान मे बनता।जो कुछ कर्म संस्कार बना वह उपरोक्त कारणो से है जो परमात्मा के संविधान के अन्तर्गत अकारण तो काल के संविधान के अन्तर्गत कारण कहा जा सकता है ।लोगो को लगता है कि उनकी आस्थाओ पर चोट सन्त रामपाल जी महाराज द्वारा पहुँचायी जा रही है ।सन्त और डाक्टर एक जैसे होते है डाक्टर जीवन रक्षा के लिये पैर तक काट डालते है और मरीज की नही मानते और ना ही काटने से पहले मरीज को बताते है।सन्त जरा मरण रूपी बहुत बड़े रोग को काटते है।फलस्वरूप ऐसे कल्याणकारी सन्त को करोथा कांड व वर बाला कांड जैसे झूठे केसो से दो चार होना ही पड़ता है।
क्षमा बडन को चाहिए छोटन को उत्पात।
कहा विष्णु को घट गयो जो भृगु मारी लात।।
प्र48-कबीर को परमात्मा बताना लोगो के गले नही उतर रहा है।
उत्तर-सच्चाई जानने के लिये एक बार सन्त रामपाल जी महाराज के प्रवचन सुने जो बात समझ ना आये कापी किताब लेकर नोट कर ले उसके बाद प्रश्न करे।स॔क्षेप मे इतना कहा जा सकता है कि कबीर साहेब को सही से ना समझकर उनके सम्बन्ध मे मामला अति पेचीदा अज्ञानियो ने बना दिया फलस्वरूप यह बात सभी को अखरती है कि कबीर साहेब परमात्मा नही हो सकते।कबीर साहेब की महिमा समाप्त करने के उद्देश्य से अनेको मनगडन्त कहानियाँ बनायी गयी है इन मनगडन्त कहानियाँ बनाने वालो के पास एक भी प्रमाण नही है सबसे ज्यादा मनघढन्त कहानी कबीर साहेब की शिष्या लोई नाम की वेश्या को कबीर साहेब की पत्नी बताना व कमाल कमाली को पुत्र पुत्री बताना है ।आपको सलाह है कि आप ज्ञान गंगा का बार बार अध्ययन करे उसके बाद उन प्रमाणो का मिलान अपने शास्त्रो से करे स्थिति अपने आप स्पष्ट हो जायेगी
प्र49-रीति रिवाज छुडाना क्या अच्छी बात है
उत्तर-जो आत्म कल्याण व समाज सुधार को अपनाना चाहते है उन्हे रीति रिवाज छोड़ने पडेगे वरना जो जैसे जीवन जीना चाहता है जी सकता है किसी को मी आत्म कल्याण के रास्ते पर लगने को विवश नहीं किया जाता यदि किसी को विवश किया गया हो तो बताओ
प्र50-अन्य धर्म गुरूओ की निन्दा करना क्या ठीक
उत्तर -जो आत्म कल्याण का इच्छुक है जिसे ज्ञान समझ मे आ गया है उसे मर्यादा
बतायी जाती है ।किसी धर्म गुरू की निन्दा करना हमारी संस्कृति मे नही है।जो जैसा बोयेगा बैसा काटेगा।यथार्थ बात कहना निन्दा नही होती।
प्र51-ज्ञान गँगा मे तो कई भगतो ने अन्य धर्म गु रूओ को गलत कहा है
उत्तर-वह भगतो के व्यक्तिगत विचार व अनुभव है
प्र52-कहा जाता है कि जजो के ऊपर भ्रष्ट जज कुमार्ग पर जैसी किताबे लिखने के कारण से बरवाला कांड की नींव पडी
उत्तर-सिस्टम को परमात्मा को कैसे सुधारना है परमात्मा जाने जो भी लिखा है वह प्रमाणसहित है जो हुआ वह निमित्त वश व नियत वश है।
प्र53-आर्य समाजी सन्त रामपाल जी महाराज के प्रति हमलावर क्यो हुये
उत्तर- समाज मे जब भी कोई नयी विचारधारा आती है तो लोग उसका विरोध शुरू कर देते है अस्तु सन्त रामपाल जी महाराज का ज्ञान भी न तो नयी विचारधारा को सपोर्ट करता और ना ही किसी विश्वास या विचारधारा का खंडन करता है।सन्त रामपाल जी महाराज ने शाश्त्रो के उन गूढ रहस्यो को खोलकर दिखाया जिसे आज के धर्मगुरू जानते तक नही थे और यही बात इन धर्म गुरूओ को बुरी लगी उन्होंने अपने अनुयायियों की संख्या घटने के डर से सन्त रामपाल जी को मार डालने का ताना बाना कई बार रचा।
प्र54आप लोगो ने सन्त रामपाल जी को कोर्ट नही जाने दिया
उत्तर- आप तह मे जाने के लिये आश्रम की सभी किताबो का अध्ययन करे।सन्त जी बीमार थे
प्र55-सन्त जी औरो की बीमारी काटते है अपनी क्यो नही काट सके।
उत्तर-पहले तो आप अध्यात्म व भौतिकता को अलग करे।आपको पता होगा कि टेलीपैथी से रोग दूर करने वाले बडी थकावट महसूस करते है।यदि आपका अचानक हाथ कट जाये तो क्या आप इलाज नही करायेगे।अध्यात्म मे शरीर की ऊर्जा का क्षय होता रहता है।अध्यात्मिक कष्ट से पीड़ित रोग का इलाज सन्त किया करते है भौतिक बीमारियों का नही इसके लिये डाक्टर की शरण मे सन्त भी जाते है भगत भी जाते है ।हाँ यदि दैविक कष्ट के कारण दवा काम नही कर रही तो उसका उपचार सन्त कर सकते है दवा काम करने लगेगी सन्तो के ऊपर अध्यात्मिक कष्ट नही आते भौतिक व दैहिक कष्ट जरूर आते है आज भी जो लोग नाम ले रहे है उनके कष्ट धीरे धीरे कट रहे है परीक्षण किया जा सकता है।
प्र56-आश्रम मे हथियार पाये गये
उत्तर-नियोग मे आस्था रखने वाले आर्यसमाज के लोग भगतो को आश्रम आते जाते वक्त पीटा करते थे ।अतः हथियार सुरक्षा बतौर अनुयायियों ने रखे थे।सभी हथियार लाइसेन्सी थे।
प्र57- आश्रम मे कैमरे लगे होने पर क्या कहेंगे।
उत्तर- आश्रम को बदनाम करने के उद्देश्य से बाहरी तत्वो ने आश्रम से सम्पर्क जोड़कर आश्रम मे आते जाते रहते थे और आने जाने वाले श्रद्धालुओ का सामान चुराने लगे थे कई बार पकडे भी गये पुलिस मे शिकायत की गयी लेकिन कोई सुनवाई ना होने पर आने जाने वाले रास्तो पर कैमरे लगाये गये थे जिससे श्रद्धालुओ का सामान चुराने वालो को र॔गे हाथो पकडा जा सके ।इस तरह बहुत से चोर पकड़े गये।और चोरी की घटनाओं मे कमी आयी।

प्र58-आश्रम में स्वीमिंग पूल पाया गया था।
उत्तर-जब संगत कम थी तब भगतो के लिये पीने की पानी की व्यवस्था हेतु टैंक बनाया गया था।बाद मे पीने के पानी की अन्य वैकल्पिक व्यवस्था हो जाने पर टैंक को भगतो ने थोड़ा पैसा और लगाकर स्वीमिग पूल बना दिया।
प्र59- इतने सुरक्षित स्थान पर टैंक का क्या औचित्य
उत्तर-आर्य समाजी शुरू से झूठी अफबाहे फैलाते रहे है तरह तरह से झूठा बदनाम किया तत्वज्ञान मे हारने के बाद करोंथा पर हमला किया और कभी भी अनर्गल प्रचार से बाज नही आये तब दिमाग मे यह डर स्वाभाविक था कि कही शरारती तत्व पानी मे बाहर से जहर आदि ना फेंक दे इसीलिए पानी के टैक को सुरक्षित स्थान पर बनाया गया व पानी के टैंक की सुरक्षा दिन रात ऊँचे मचान पर बैठकर की जाती रही है।
प्र60-आश्रम मे प्रवचन के दौरान गैस छोड़ी जाती थी जिससे लोग बाबा के वशीभूत हो जाते थे
उत्तर-इस समय बाबा जेल मे है ।आज भी दैविक कष्ट से पीड़ित लोग नाम लेकर लाभ उठा रहे है अब क्या बाबा जेल के भीतर से गैस छोड रहे है।जो पूरे भारतवर्ष मे फैल रही है।सच्चाई यह है सब मनघडन्त कहानी बनायी गयी।बाबा द्वारा प्रदत्त मन्त्र अलौकिक हैं उनसे लोगो को लाभ होता है सी डी द्वारा मन्त्र देकर नामदान जारी है आप लाभ उठाना चाहे तो लाभ उठा सकते है
प्र61-बाबा दूध से भी नहाते थे
उत्तर- यह सब झूठ है बाबा का भोजन मात्र एक गिलांस दूध व दो छोटी चपाती था ।टीवी पर एनीमेशन करके दूध से नहाते हुये मीडिया ने दिखलाया मीडिया का इस तरह का कृत्य बहुत ही घृणित है ।मीडिया मे स्थित कुछ लोग अपने इस पाप को जरूर भोगेगे।मीडिया अफवाहों का शिकार हुई है । अफवाह फैलाने वाले शाश्त्रार्थ मे पराजित होने वाले धर्मगुरू व उनके अनुयायी थे।इसीलिये हम मीडिया पर टिप्पणी नही करना चाहते
प्र62 - बाबा जेल से कब बाहर आयेगे ।क्या पूरे देश मे हो रहे धरना प्रदर्शन से सरकार सी बी आई जांच करा देगी
उत्तर- बाबा अपने नियत समय पर जेल से बाहर आयेगे यह भगतो की परीक्षा का समय भी है ।धरना प्रदर्शन से भगतो की सेवा बन रही है ।पुण्य कर्म बन रहे है अब आप यह प्रश्न कर सकते कि पुण्य कर्म कैसे बन रहे है है।तो इस समझ को उत्पन्न करने के लिये आप वेद पुराण गीता का अध्ययन करे । वेद पुराण गीता का अध्ययन करने के पश्चात या पहले सन्त रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित अध्यात्मिक ज्ञान ग॔गा जरूर पढे।उसके बाद बहस भी जरूर करे।प्रायः कहा जाता था कि निष्पक्ष जांच के लिये एस आई टी का गठन होता था हरियाणा मे यहाँ एस आई टी का गठन फर्जी मुकदमे बनाने ब फर्जी सबूत जुटाने के लिये होता है
प्र63-आश्रम मे अवैध कार्य होता था
उत्तर- कोई अवैध कार्य नही होता था ।हरियाणा सरकार हरियाणा पुलिस व इन्टेलीजेन्स ब्यूरो की रिपोर्ट प्राप्त कर विस्तार से पढे।जिसमें कहा गया कि सन्त रामपाल जी महाराज पूर्ण रूपेण धार्मिक है।आश्रम मे कोई अवैध गतिविधि नही थी।इन्टेलीजेन्स ब्यूरो ने जजो के साथ साथ सरकार के द्वारा भी अन्याय करने की बात लिखी है।
प्र- 64- 50 बार से अधिक बार कोर्ट मे ना जाने पर कोर्ट द्वारा की गयी कोर्ट अबमानना की कार्रवाई गलत नही थी।
उत्तर- प्रथम तो यह सरासर झूठ है कोर्ट रिकार्ड देखा जा सकता है।यह बहुत बड़ा षड्यंत्र था सन्त रामपाल जी महाराज प्रत्येक बार कोर्ट एपीयरेन्स मे रहे है।इस सच्चाई को जानने के लिये आप www.rsss.co.in
www.jagatgururampaljiMaharaj.org
को खोल कर देखे।तब आपको स्पष्ट होगा यह बहुत बड़ा षड्यंत्र था।पहले तो आप यह बताये कि कितने कोर्ट अबमानना की कार्यवाहियो को सरकार निश्चित समय पर अंजाम तक पहुँचाया ।पहले तो कोर्ट अबमानना हुई नही यदि जबरिया कोर्ट अबमानना थोपी जा रही है तो न्यायपालिका कोर्ट अवमानना के लिये इतनी उतावली क्यो थी फिर सरकार अपना पागलपना क्यो दिखा रही थी एक साथ इतनी ज्यादा मात्रा मे फोर्स को मगाया।इसी से समझा जा सकता है कि सबकुछ षड्यंत्र के तहत हो रहा था सम्भवता न्यायपालिका व सरकार यह मौका पाना चाहते थे कि देश को बता सके कि हम मजबूरी मे कार्यवाही कर रहे है।हरियाणा मे सैकडो की संख्या मे अपराधी फरार है उनको पकड़ने के लिये सरकार फोर्स का इस्तेमाल क्यो नही करती ।हरियाणा पुलिस वाले चीन की सीमा पर दवंग बन कर दिखाये तब जाने ।अपने घर मे बैठे भगतो पर किये गये ऐसे अत्याचार ने जालियावाले कांड को पीछे छोड़ दिया।और अब लगभग 1000 से अधिक लोगों को झूठे केस मे फंसाने के बाद हरियाणा पुलिस अपनी मर्दानगी उन लोगों पर दिखा रही है जिनके बुजर्ग माता पिता अपने बच्चे के साथ मुकद्दमे की पैरवी के लिये कोर्ट में आते है और उनको हरियाणा पुलिस वाले बुरी तरह से पीटते है ।यह ना तो मानवाधिकार आयोग को दिखाइ देता और ना ही मीडिया को सन्तो के नाम पर आयी भारतीय जनता पार्टी की सरकार सन्त रामपाल जी महाराज की सी बी आई जांच की माँग स्वीकार नही करती है तो अन्य सरकारो से क्या उम्मीद की जा सकती है।
प्र65 सन्त रामपाल जी महाराज से दीक्षित होने के उपरान्त अपराधियो द्वारा अपराध त्यागने वाली बात कहा तक सत्य है।
उत्तर- मौजूदा हालत मे कोई प्रमाण दे पाना सम्भव नही है पर सरकार इसका प्रयोग करवा सकती है ।एक बार एक थानेदार किताब को पढ़कर आश्रम मे आया तो उसने बताया कि इस ज्ञानगंगा किताब को पढ़ने के बाद अपराधियों की मनोवृत्ति बदलती है।थानेदार अपने क्षेत्र मे अपराधियों से परेशान रहता था उन्ही अपराधियों को चिन्हित कर सैकडो ज्ञानग॔गा खरीदकर पढने को दी ।थानेदार ने आगे बताया कि उनकी मनोवृत्ति बदली और एक तो उनमे साधु बन गया। इस बात का प्रयोग कर सकते है इस समय सन्त रामपाल जी महाराज जेल मे है वहा से ना तो वह कोई बेसुध करने वाली गैस छोड देगे ना ही खाने मे कुछ मिला देगे ना ही उन्हे पता होगा कि अमुक व्यक्ति किताब को पढ रहा है जो उस पर वह सम्मोहन की तरंगे छोड देगे।
प्र66- मीडिया व बुद्धिजीवी वर्ग में इस किताब के प्रति क्या सोच है
उत्तर-मीडिया व बुद्धिजीवी वर्ग अफवाहो का शिकार है मीडिया व बुद्धिजीवी वर्ग को किताब का अध्ययन करना चाहिए प्रमाणो का मिलान करना चाहिए जहाँ पर समझ मे ना आये वहाँ पर सन्त रामपाल जी महाराज व उनके अनुयायियों से बहस करनी चाहिए।
प्र67-बाबा को लग्जरी महल की क्या जरूरत थी ।
उत्तर-इतने बड़ा आश्रम का संचालन हजारो सेवादारो द्वारा होता था ।परमानेन्ट रहने वाले सेवादार कहा रहेगे। आश्रम का खाने पीने व अन्य सामान कहा रखा जायेगा ।सन्त रामपाल जी महाराज सिर्फ दो कमरे के सेट का इस्तेमाल करते थे जो भी अन्य कमरे थे उनसे आश्रम की हर व्यवस्था का संचालन होता था
प्र68-सन्त रामपाल जी महाराज का नारा है कि
जीव हमारी जाति है मानव धर्म हमारा
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख इसाई धर्म नही है न्यारा
उत्तर-हम सभी जीव ही तो है कर्म संस्कार वश कोई ब्राहाम्ण वैश्य गरीब अमीर बना है तथा कोई कोई चौरासी लाख योनियो यानि जीव जन्तु आदि की योनियो मे भ्रमण कर रहा है।सनातन धर्म जिसकी उत्पतति का हेतु आदि सनातन धर्म है उसी आदि सनातन धर्म के रास्ते पर चलकर हम मानवता भाईचारा उत्पन्न कर सकते है ।आदि सनातन धर्म से उत्पन्न हुये सनातन धर्म से ही अन्य धर्मो की उत्पत्ति हुई है ।आप बताओ संस्कृत के पुरातन कोष मे कही पर हिन्दू शब्द लिखा है
प्र69-ग॔गा नहाना निषेध का क्या मतलव
उत्तर-आप शिवपुराण मे स्वयं पढ़ो कि ग॔गा स्वयं कह रही है कि मै मृतमन्डल मे जाकर गन्दी हो जाऊंगी तो शिव समझाते है कि तेरे अन्दर सन्त नहाया करेगे उससे तू पवित्र होती रहेगी।पूर्ण मोक्ष के भाव से ग॔गा नहाना या जल पीना कल्याणकारक नही है अपितु इस भाव से कि गंगा जल मे रोगनिवारक शक्ति है उस भाव से स्नान करना या जल पीना ठीक है ।
प्र70-लोकवेद से क्या मतलव
उत्तर-शाश्त्रो को बगैर पढ़े ही या शाश्त्रो के मूल अर्थ से अलग मनमाने विचार को समाज मे फैला देने को लोकवेद कहते है।बहुत से त्योहार भी लोकवेद का हिस्सा है जैसे सावन के महीने मे जौ या गेहू को अंकुरित किया जाता है किसी को पता नही हम क्यो कर रहे है अगर हम पूरे महीने इन्ही अंकुरो का रस पीये तो काफी बीमारियों से बच सकते है बहुत से त्योहारो से सदमार्ग पर चलने की प्रेरणा लेने के स्थान पर उन त्योहारो पर उपद्रव का फैल जाना लोकवेद ही है ।ऐसे ही बहुत सा लोकवेद है जो परमात्मा कबीर का ज्ञान समझने पर पता चलता है कि हमारी दैनिक क्रिया क्या होनी चाहिए जिससे इस लोक के साथ साथ हमारा परलोक भी सुधरे।
प्र71-आश्रम मे घुसते वक्त तलाशी लिये जाने का क्या मतलब
उत्तर- आश्रम के अन्दर शराब बीड़ी गुटखा निषेध है।मना करने से चोरी चुपके लोग सेवन करते पाये गये है इसीलिए तलाशी ली जाती रही है ।इसमे क्या बुराई।आश्रम के अन्दर सभी भक्ति भाव से तो नही जाते।
प्र72- तीन बार मे नाम देने का क्या मतलव
उत्तर- सनातन धर्म की साधना ॐ मन्त्र तक सीमित है।और सनातन धर्म का यही अन्तिम मन्त्र है।पर आदि सनातन धर्म की साधना का ॐ तत सत है ।तीनो मन्त्रो की साधना विधि अलग अलग है जिस ॐ मन्त्र की साधना को सनातन धर्मी या अन्य कर रहे है वह यथार्थ विधि नही है ॐ मन्त्र की यथार्थ साधना की विधि व कोर्स अलग है जिसको अब सनातन धर्मी भूल चुके है।
प्र73- विश्व मे तरह तरह की साधना विधिया है सभी कहते कि हमारी साधना ठीक है क्या कहेंगे
उत्तर- सभी धर्म सनातन धर्म से उत्पन्न हुये है है सनातन धर्म आदि सनातन धर्म से उत्पन् हुआ है आप प्रचलित किसी भी एक शब्द का जाप शुरू कर दे ।उस शब्द के निरन्तर जाप से एक भाव की उत्पत्ति होती है वह भाव तामसिक राजसिक या सात्विक कैसा भी हो सकता है।वह भाव उस शब्द या उस अक्षर की प्रकृति पर निर्भर करता है ।ज्यादा समय तक उस भाव मे रमण करने पर कुछ सिद्धिया प्राप्त होती है और आपने इतिहास पढ़ा होगा कि इन सिद्धियो का दुरूपयोग अधिक व सदुपयोग कम हुआ है।अतः सिद्धियो को प्राप्त करना आदि सनातन धर्म की साधना नही है अपितु अपना निज स्थान शाश्वत स्थान सतलोक प्राप्त करने के लिये यह साधना की जाती है।जो सहनशील है क्षमाशील है वही आदि सनातन धर्म की साधना के रास्ते पर आगे बड़ सकता है।
प्र74-पुराणो मे अक्षय पात्र का वर्णन आता है वह भी क्या एक सिद्धि है।
उत्तर-नही ।वह विशुद्ध विज्ञान है।सूर्य से निर्गत ऊर्जा को पदार्थ रूप मे परिवर्तित करने का विज्ञान है।ऐसा अक्षय पात्र आज का विज्ञान भी हासिल कर लेगा।
प्र75-नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियो के सम्बन्ध मे भाजपाई नरेन्द्र मोदी से जोड़ते है।इसी तरह अन्य बहुत से धर्म गुरूओ के अनुयायी अपने गुरू के सम्बन्ध मे बताते है ।सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायी इन सभी भविष्यवाणियो को सन्त रामपाल जी महाराज से जोड़ते है ।क्या सच है।
उत्तर- सच्चाई जानने के लिये आप सभी भविष्यवाणियो का गहराई के साथ अध्ययन करे। नास्त्रेदमस ही नही अन्य बहुत से भविष्यवाणी वक्ताओ के साथ अनेक सन्तो ने भी भविष्यवाणीया की है। जयगुरूदेव ने उस सन्त की जन्मतिथि तक का उल्लेख किया है।इसी से सत्यासत्य का पता चल जायेगा
प्र76- सन्त रामपाल जी महाराज का मिशन किस प्रकार के लोगों को जोडने का है।
उत्तर - सन्त रामपाल जी महाराज का मिशन उन लोगो के लिये है जो परमात्मा की खोज कर रहे है और शाश्त्रो के गूढ रहस्य को समझना चाहते है।या फिर पूर्ण मोक्ष की खोज मे है।हम सभी जानते है कि प्राचीन समय मे व्यक्ति चौथे चरण यानि सभी जिम्मेदारियों से निवृत्त होकर परमात्मा की खोज मे निकलता था ।पर आज के समय मे जब जागो तब सबेरा।पहले अकाल मौते थी नही या थी तो बहुत कम परन्तु आज ऐसा नही है।सन्त रामपाल जी महाराज के मिशन से कोई भी जुड सकता है ।जुडने से पहले मर्यादा व नियमो को समझना होगा।
प्र 77-एक प्रमुख टी वी चैनल ने कंडोम के पाये जाने के साथ आश्रम की घृणित तस्वीर पेश की थी।
उत्तर- आश्रम मे लाखों लोग आते जाते थे कोई भक्ति भाव से तो कोई दुष्ट भाव से भी आता था ।आश्रम मे घुसने से पूर्व सघन तलाशी ली जाती थी कि कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक सामग्री अन्दर ना ले जाने पावे।हो सकता है तलाशी के दौरान सेवादारो से चूक हुई हो या फिर तथाकथित टी वी चैनल ने टी आर पी के उद्देश्य से मनघडन्त मामला तैयार किया हो उस टी वी चैनल के रिपोर्टर ने स्वयं ही कंडोम गिराकर चटपटी मसालेदार खबर बनायी हो।हम हर मुद्दे पर सी बी आई जांच चाहते है । जब हरियाणा की खट्टर सरकार हर छोटे मामले में सी बी आई जांच करा रही है पर इतने बड़े मामले में मौन है ।हमारा बार बार आग्रह है कि मीडिया द्वारा उठाये गये प्रत्येक मामले के साथ साथ पुलिस द्वारा बनाये गये झूठे सबूतो समेत पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा की भी सी बी आई जांच हो तभी सच बाहर आ पायेगा।अगर सरकार सी बी आई जांच नहीं कराना चाहती है तो मौके पर मौजूद मीडिया कर्मियो का नारको टेस्ट इस रहस्य को खोल देगा कि मीडिया कर्मियो को गलत रिपोर्टिग के लिये षड्यंत्र कर्ताओ ने विवश किया था या मीडिया बिक गयी थी। सरकार जब छोटी सी माँग मानने को तैयार नही है तो सम्पूर्ण षड्यंत्र मे सरकार की मिलीभगत का होना भीस्वयं मे सिद्ध है।किसी प्रमाण की कोई आवश्यकता नही है। हमारा विश्वास है करोथा कांड व वरबाला कांड की सी बी आई जांच एक दिन होगी उस दिन सभी षड्यंत्रो से पर्दा अपने आप उठ जायेगा
प्र78- जब शासन प्रशासन व मीडिया के साथ धार्मिक गुरू इस षड्यंत्र भरे कांड मे लिप्त है तो क्या ऐसे मे सी बी आई जांच की सम्भावना है।
उत्तर- हर घटनाक्रम का समय फिक्स है ।उचित समय का इन्तजार करो।
प्र79- सन्त रामपाल जी महाराज एक नया धर्म खड़ा कर रहे है।
उत्तर- सन्त रामपाल जी महाराज कोई नया धर्म खड़ा नही कर रहे है अपितु सभी धर्मो का मूल आदि सनातन धर्म की यथार्थता को बता रहे है।
प्र80-आर्य समाजी अभी से कह रहे है कि सन्त रामपाल जी महाराज के जेल से बाहर आने के बाद करोंथा व वरबाला कांड की तरह ही कोई नया खेल खेलकर इस तत्वज्ञान को नही फैलने देगे।
उत्तर- उनके किसी भी षड्यंत्र को हम शान्तिपूर्वक सहन करेगे।अन्त में जीत सत्य की होगी ।इनके वश की बात नही है कि वह इस तत्वज्ञान को रोक सके ।आपने इतिहास मे बहुत से उदाहरण पढ़े होंगे कि संसार की किसी भी गतिविधि से मतलव ना रखने तथा जंगल में रहने वाले साधु को दुष्ट आत्माओ ने सताया है तो कैसे कह दू कि यह षड्यंत्रकारी षड्यंत्र नही रचेगे।वह अपना काम करते रहे हम अपना काम करते रहेगे।दुष्ट व्यक्ति को जब पता चलता है कि सामने वाला व्यक्ति हमसे भी ज्यादा दुष्ट है तब अपनी शराफत दिखाया करता है।जब देखता है कि सामने वाला सीधा या कमजोर है तब वह अपनी दुष्टता पूरे वेग से दिखाता है ।जंगल मे सीधा वृक्ष जल्दी काट लिया जाता है।यह अपने कर्मो का भोग समय आने पर भोगेगे ।इस काल के लोक मे जो जिस आस्था पर आरूढ हो जाता है वह अपनी आस्था को प्रमाण मिलने पर भी नही त्यागता ऐसे मे प्रमाण सहित तत्वज्ञान लोगों के गले उतरेगा पर थोड़ा समय ज्यादा लगेगा जिस प्रकार शराबी व्यक्ति प्रतिदिन देखता हैकिअमुक व्यक्ति शराब पीने पर बीमार पड गया प्रमाण मिलने पर भी वह अपनी शराब की आस्था को नही त्यागता जब वह खुद बीमार पड जाता है तो शराब एकदम त्यागने को तैयार हो जाता है ।इन लोगों का अज्ञान रूपी नशा एक ना एक दिन अपने आप उतर जायेगा
दाता दाता चलि गये रह गये मक्खीचूस
दान ज्ञान समझे नही लड़ने को मजबूत
प्र81- सन्त रामपाल जी महाराज को देखकर नही लगता यह सन्त हो सकते है।
उत्तर -वेद थके ब्रह्मा थके थाके शेष महेश
गीता हू कि गम नही सन्त किया प्रवेश
आशा वासा सन्त का ब्रह्मा लखै न वेद
षटदर्शन खटपट करै बिरला पावै भेद
यह कलियुग आयो अबै साधु न मानै कोय
कामी क्रोधी मसखरा तिनकी पूजा होय।।
साधु भया तो क्या भया माला पहिरी चार
बाहर भेष बनाईया भीतर भरी भंगार।।
प्र82-आप लोगो की तरफ से पम्फलेट बांटे गये जिसमे लिखा कि बेटियो को सरकार से 21 लाख दिलवायेगे।एक तरफ तो आप दहेज लेना व देना मना करते हो फिर 21 लाख की बात करना यह कैसी चतुराई
उत्तर - हमारा सिद्धांत है कि ना तो दहेज लेना है ना देना है। जिसके ज्ञान समा जायेगा वह ना दहेज लेगा ना दहेज देगा।इस ज्ञान को समझ मे आने मे समय लगेगा ।जब तक यह ज्ञान समझ नही आता तब तक हम दहेज हत्या रुके इसका पूरा प्रयास करेगे।सरकार की तरफ से पैसे दिलवायेगे ।सरकार की तरफ से पैसे समानता के आधार पर पैसे दिया जाना दहेज नही
प्र-83आर्य समाजी कहते है कि उन्होंने संसार को ॐ मन्त्र से अवगत कराया।
उत्तर -आर्य समाज की स्थापना को अभी 200
वर्ष पूरे नही हुये।सनातन धर्म तभी से चला आ रहा है जब से परमपिता से बिछुडकर इस काल के साथ आकर 21 ब्रह्माण्डो मे रहने लगे ।सनातन धर्म से पूर्व का धर्म आदि सनातन धर्म है।ॐ मन्त्र सनातन धर्मियो का अन्तिम मन्त्र है।उससे नीचे के जितने भी मन्त्र ऋषियों ने खोजकर बनाये उनसे सिद्धिया प्राप्त हुई ।मोक्ष नही मिला।ॐ मन्त्र के जाप को दान करने वाला यदि कोई अधिकृत सन्त है तब इस ॐ मन्त्र के जाप से उसी स्तर का फल मिलेगा जिस स्तर का जाप श्रद्धालु ने किया है।सच्चाई यह है कि ॐ मन्त्र के दान देने का अधिकार आर्यो को नही है।ॐ मन्त्र के जाप का अधिकार किसे है ।सनातन धर्भी बता पायेगे वस्तुतः पूर्णमोक्ष ॐ मन्त्र के जाप से नही है ।ॐ मन्त्र से अधिकतम ब्रह्मलोक पाया जा सकता है।आदि सनातन धर्म की साधना को करने के लिये सनातन धर्म के ॐ मन्त्र के जाप के आगे अन्य प्रमुख पाच देवी देवताओं के मन्त्र जाप के साथ उनका आदर जरूरी है।आदि सनातन धर्म की साधना मे सनातन धर्म के मूल देवी देवताओं की जरूरत है।विस्तार से जानकारी के लिये ज्ञान गंगा पढे
प्र84- कहा जाता है कि सन्त रामपाल जी महाराज के अनुयायियों ने भारतीय जनता पार्टी को वोट दिये और उसी भारतीय जनता पार्टी ने चोट दी।यदि आपने वोट नही दिये होते तो हरियाणा में भाजपा की सरकार बनना मुश्किल था।
उत्तर - करोथा कांड में झूठे केस लगवाने के कारण अनुयायियों ने अपनी इच्छा से वोट भारतीय जनता पार्टी को दिये।सन्त रामपाल जी महाराज कभी किसी पार्टी को वोट देने की अपील नही करते।तह तक जाओगे तो समझ जाओगे यह बहुत बड़ा षड्यंत्र था जिसमें सत्ता पक्ष विपक्ष व अन्य सरकारी मशीनरी का गठजोड़ इस कांड मे शामिल है। इस षडयन्त्र मे सभी लोग कांगेस बी जे पी या सरकारी मशीनरी के लिप्त नही है।यह अवसरवादी एक दूसरे के विपरीत होते हुये भी वरबाला कांड कराने को उसी तरह एकजुट थे जैसे बदमाश एकजुट रहते है सरकार चाहे किसी की हो।
प्र85-पूरे विश्व के धर्मगुरूओ को चुनौती देना क्या एक सन्त को शोभा देता है कही वरबाला कांड मे विदेशी शक्तिया तो फंडिग नही कर रही थी।
उत्तर -हो सकता है जो इस षड्यंत्र मे शामिल थे उन्होने विदेशों से मदद ली हो।यह तो सी बी आई स्पष्ट कर सकेगी।पर दास आपको यह स्पष्ट करना चाहता है कि पूरे विश्व को चुनौती नही दी गयी थी अपितु अध्यात्मिक ज्ञान चर्चा को आमन्त्रित किया गया था।इसमे को बुराई नही ज्ञान चर्चा करने पर ही ज्ञान मे निखार आयेगा
प्र87-तत मन्त्र सत मन्त्र क्या है।
उत्तर - जानने के लिये ज्ञान गंगा पढ़े व साधना टी वी पर सन्त रामपाल जी महाराज के प्रवचन सुने
प्र- 88आर्य समाजियो ने बहुत सी बातो को तोड़ मरोड कर नयी किताबे लिखी इस तोडमरोड को कैसे पकड़ा जाये या सन्त रामपाल जी महाराज ने कैसे पकड़ा
उत्तर -पुरानी किताबें बहुत से लोगों के घरों पर रखी है व लाइब्रेरी में मौजूद है वहा से इस खतरनाक खेल को समझा जा सकता है।
प्र-89सन्त रामपाल जी महाराज ने अपने ग्रन्थो मे लिखा कि कबीर साहेब मगहर से सतलोक जाने के बाद पृथ्वी पर कई बार आये और सन्त मलूकदास सन्त घीसादास सन्त गरीबदास को मिले व वार्ता हुई
उत्तर -उन स्थानो पर स्वयं जाकर प्रमाण खोजो।सन्त रामपाल जी महाराज प्रमाण मिलने के बाद ही उस बात को बोलते व लिखते है
प्र90 -ब्रज शब्द के अर्थ के सन्त रामपाल जी ने कई प्रमाण दिखाये।आर्य समाजी नही मानते
उत्तर - इनके गुरूकुलो मे पढ़ाई जाने वाली किताब पाणिनि अष्टाध्यायी मे भी ब्रज का अर्थ जाना लिखा है।यह तो वश उसी को मानते है जो इनके दयानंद भगवान ने लिख दिया
प्र91 -कबीर साहेब की वाणियो मे उलटबांसियो के साथ कही कही विरोधाभास क्यो
सूम सदा ही उदधरे दाता जाय नरक्क
कहै कबीर यह साखि सुनि मति कोइ जाव सरक्क
दाता दाता चले गये रह गये मक्खीचूस
दान ज्ञान समझे नही लड़ने को मजबूत।
उत्तर - प्रथम तो कबीर साहेब की वाणियो मे अज्ञानियो द्वारा मिलावाट की गयी उसको अलग कर दिया जाय उसके बाद आपको यथार्थ बाणियो मे जो विरोधाभास दिखता है उसका कारण यह है कि हर समय हर परिस्थिति के अनुरूप कबीर साहेब ने बाणिया बोली है।
पहली बाणी का मतलब है यदि सूम व्यक्ति को परमार्थ का सही रास्ता मिल जाय तो उसका भी उद्धार हो जायेगा।
दूसरी बाणी का मतलव है कि यदि दाता भी है रास्ता सही नही मिला तो सब व्यर्थ है।
प्र92- क्या वास्तव मे सतलोक है
उत्तर ज्ञान गंगा विस्तार से पढ़े व साधना टी वी पर शाम 7-40 से 8-40 तक देखे।फिर प्रश्न करे।
प्र93-कविर्देव का अर्थ क्या है।
उत्तर - ज्ञान गंगा विस्तार से पढ़े व साधना टी वी पर शाम 7-40 से 8-40 तक देखे।फिर प्रश्न करे।
प्र94-कबीर साहेब चारो युग मे आते है क्या प्रमाण
उत्तर - ज्ञान गंगा विस्तार से पढ़े व साधना टी वी पर शाम 7-40 से 8-40 तक देखे।फिर प्रश्न करे।
प्र95-कमाल कमाली को जीवित कर अपने पास रखा क्या प्रमाण
ज्ञान गंगा विस्तार से पढ़े व साधना टी वी पर शाम 7-40 से 8-40 तक देखे।फिर प्रश्न करे।
प्र96-तत नाम क्या है
उत्तर - ज्ञान गंगा विस्तार से पढ़े व साधना टी वी पर शाम 7-40 से 8-40 तक देखे।फिर प्रश्न करे।
प्र96-सत नाम क्या है
उत्तर - उत्तर - ज्ञान गंगा विस्तार से पढ़े व साधना टी वी पर शाम 7-40 से 8-40 तक देखे।फिर प्रश्न करे।
97-सत साहेब का क्या मतलव
उत्तर - उत्तर - ज्ञान गंगा विस्तार से पढ़े व साधना टी वी पर शाम 7-40 से 8-40 तक देखे।फिर प्रश्न करे।
प्र98-कूर्म के मुकुट मे पूरी सृष्टि समायी थी कैसे सम्भव
उत्तर -आजकल एक डीवीडी में इतना लम्बा चौड़ा प्रोग्राम कैसे समा जाता है
ज्ञान गंगा विस्तार से पढ़े व साधना टी वी पर शाम 7-40 से 8-40 तक देखे।फिर प्रश्न करे।
प्र-99काल को परमात्मा ने नष्ट क्यो नही क्या
उत्तर - ज्ञान गंगा विस्तार से पढ़े व साधना टी वी पर शाम 7-40 से 8-40 तक देखे।फिर प्रश्न करे।
प्र-100सतलोक कैसे पहूचेगे
उत्तर - आठ की आंट लेकर
ज्ञान गंगा विस्तार से पढ़े व साधना टी वी पर शाम 7-40 से 8-40 तक देखे।फिर प्रश्न करे।