रविवार, 3 जनवरी 2016

हम भगतजन कहते है मै परमात्मा का कुत्ता हूँ। आइये जानते है कुत्ता किसे कहते है ?




       हम  भगतजन  कहते  है  मै  परमात्मा का  कुत्ता  हूँ। 

                                                            आइये जानते  है  कुत्ता  किसे  कहते  है ? >>>>>>>>>


1. कुत्ता एक ऐसा प्राणी है जिसकी कही पर भी कोई इज्जत नहीं होती है और ना उसे अपनी इज्जत-बेइज्जत की परवाह होती है।
2. कुत्ता अपने मालिक के अलावा अन्य व्यक्ति के इशारो पर बिलकुल विश्वास नहीं करता है चाहे वे कितने ही प्यार से बोले या कोई रोटी का टुकड़ा दिखाकर लालच दे वह उसको शंका की ही दृष्टि से देखेगा।
3. कुत्ता अपने मालिक के प्रति इतना वफादार होता है यदि मालिक हाथ में लठ् लेकर उसको जोर से मारने एक्टिंग करे तो भी कुत्ता मालिक के पैरो में लोटता हुवा आँखे मूंदकर पूँछ हिलाता हुवा वही पड़ा रहेगा क्योंकि उस कुत्ते को पूरा विश्वास है की इस गाँव में यही तेरा सच्चा साथी है जो लेट सेट तुझे तो टुकड़े रोटी के डाल ही देगा और कोई नहीं।
4. कुत्ता अगर तलवे चाटता है तो केवल अपने मालिक के। दूसरा चाहे उसके साथ राष्ट्रपति आ जाये उसको कान खड़े करके देखता रहेगा।
5. कुते को मालिक जो दे दे उसी को खाकर संतोष कर लेता है उसकी अपनी कोई इच्छा नहीं होती है।
कुत्ते को यदि कभी समय पर कोई वास्तु खाने पिने की ना भी मिले तो वो घुर्राता नहीं है। वो इन्तजार करता है की कब उसके मालिक की नजर उस पर पड़े और उसे वो वास्तु मिले।
कुत्ता चाहे शर्दी का मौसम हो या गर्मी या बरसात का वो अपनी वफ़ादारी कभी नहीं भूलता है और चौकस होकर अपनी ड्यूटी निभाता है।
कुत्ते के मालिक पर यदि कोई दूसरा कुत्ता बुरी नियत से भोंकता है या कोई नुकशान पहुचने की चेष्टा करता है तो उस कुते से देखा नहीं जाता है और फिर वो मालिक के द्वारा डाले गय उन दो रोटी के टुकड़ो का फर्ज जरूर अदा करने की कोशिस करता है।
और हम कोनसे कुत्ते है ?
1. अबकी बार तारीख पर जाने का मेरा कुछ कम ही मूड है अगली बार देखूंगा।
2. पिछली बार गए थे लेकिन वहा तो स्टेशन से बाहर पॉलिसी वाले निकलने ही नहीं देते है फिर जाने का क्या फायदा।
3. कई बार जा लिए दर्शन तो होते नहीं है अब फिर कभी देखेंगे।
4. क्या करू कोई साथ जाने के लिए हां ही नहीं भर रहा है अकेला कैसे जाऊ।
5. पता नहीं आदेश है भी या नहीं।
6. चलो 2,4 तारीख तो कर ही लेता हु वरना नाम शुध्द करवाने में दिक्कत आएगी।
7. अरे यार अगर नहीं गया तो वो भक्त क्या सोचेंगे की वो कभी जाता ही नहीं है।
8. मैं हर तारीख पे जाता हु और अगर अबकी बार नहीं गया तो वे भक्तजी कहेंगे बस टूट गया नियम।
9. अबकी बार काम बहुत ज्यादा है अगर चला गया तो पीछे से सारा ही काम बिगड़ जायेगा।। आदि आदि
हे परमपिता परमेश्वर हम तुच्छ बुद्दी जीव् आपकी विशेष रजा के बिना ना कभी अच्छा कर सकते है और ना कभी अच्छा सोच सकते है। ये परमेश्वर जिस मार्ग पर चलने से हमारा हित हो हमें उधर ही धकेलना मालिक। हम क्या समझे परीक्षा की इन अनमोल घड़ियों को किस में हमारा भला है और किसमे बुरा। आपकी प्रेरणा के बिना आपकी तरफ एक कदम रखना तो दूर हम उस तरफ चलने की सोच भी नहीं सकते है। ये मालिक आप ही जो इस काल से हम कुत्तो की जमानत करवाकर अपने दर्शनों के बहाने करोडो यज्ञो का फल प्रदान करते हो।
ये मालिक यदि हमें उधार में 5000 रुपए 50 किलो मीटर से भी मिलते हो तो हम किसी के साथ का इन्तजार नहीं करते है
और आपके दर्शनों के लिए 5 दिन पहले ही साथ ढूंढने के लिए इधर उधर फ़ोन करना शुरू कर देते है।
हे परमात्मा आप जानी जान है हम मूर्खो पर अपनी मेहर बनाये रखना ये मालिक अबकी बार यदि हाथ पकड़ा है तो छोड़ना मत वरना मेरी जरूरत यहाँ किसी को नहीं है। जयबन्दी छोड़ की