बुधवार, 15 फ़रवरी 2023

प्रश्न :- वर्तमान में पूर्ण सच्चा सतगुरु कौन है?

प्रश्न :-  वर्तमान में पूर्ण सच्चा सतगुरु कौन है? 
प्रश्न :-  वर्तमान में वास्तविक तत्त्वदर्शी सन्त कौन है? 

उत्तर:- पूर्ण सतगुरु मिलना आसान नहीं है। और हर कोई सतगुरु, धर्मगुरु, पूर्ण संत नहीं हो सकता। सतगुरु का शाब्दिक अर्थ है। एक सच्चा (सतगुरु) संत ( अर्थात जो भगवान का अवतार है और जो आज तक अनकही सच्चाई को धार्मिक ग्रंथों के आधार पर प्रमाण सहित प्रकट करता है। वह सतगुरु कहलाता है।

 सतगुरु की पहचान उसके ज्ञान से होती है। यदि उनका ज्ञान शास्त्रों द्वारा प्रमाणित है, तभी वह सतगुरु है। वह पूजा का सच्चा मार्ग प्रदान करता है। और सभी को सभी तरह की बुराइयों को त्यागने की शिक्षा देता है। और उन्हें मोक्ष प्राप्त करने के लिए भक्ति के सच्चे मंत्र देकर सही मार्ग पर ले जाता है।

प्रश्न:- पूर्ण सतगुरु का क्या महत्व है?
उत्तर:-कबीर, गुरु बिन माला फेरते, गुरु बिन देते दान।
गुरु बिन दोनों निष्फल हैं, चाहे पूछो वेद पुराण।।

एक पूर्ण संत सतभक्ति प्रदान करता है। जिसे करने से मनुष्य परम शांति प्राप्त कर सकता है। सतगुरु द्वारा बताई गई साधना, करने से जीवन के सारे दुख दूर हो जाते हैं। एक पूर्ण संत द्वारा दी गई आध्यात्मिक शिक्षाओं का पालन करने के बाद मनुष्य का जन्म-मृत्यु और पुनर्जन्म का रोग हमेशा के लिए समाप्त हो जाता है।  सतगुरु हमें सभी पवित्र शास्त्रों से पूर्ण ज्ञान प्रमाण के साथ बताते हैं। मानव जीवन का उद्देश्य केवल सतभक्ति कर मोक्ष प्राप्त करना है। 

प्रश्न:-मनुष्य को पूर्ण गुरु की आवश्यकता क्यों है?
उत्तर:-मानव जीवन का प्राथमिक और परम उद्देश्य ईश्वर को प्राप्त करना है। और केवल एक सतगुरु अर्थात पूर्ण संत के पास ही यह गुण होता है। जिससे वह अपने भक्तों का उद्धार कर सकते हैं। इसलिए पूर्ण गुरु की आवश्यकता सभी को होती है। लोगों के जीवन में समय असमय बहुत सारे कष्ट आते रहते हैं। और वे हमेशा उनसे बाहर आने की कोशिश में लगे रहते हैं।  सभी दुखों से मुक्ति पाने का एक ही उपाय है कि, किसी तत्वज्ञानी संत की शरण ग्रहण कर सतभक्ति की जाए।

प्रश्न:-सतभक्ति का क्या उद्देश्य है?

उत्तर:-आज मानव जीवन में जो कुछ भी प्राप्त हो रहा है। वह पूर्व जन्मों में किए कर्मों का संग्रह है। यदि वर्तमान समय में सच्ची पूजा और शुभ कर्म नहीं किया गया तो, आने वाला जीवन नरक बन जाएगा। 
सत भक्ति करने के  लाभ इस प्रकार भी है:-

जो सतभक्ति करता है वह भगवान को प्राप्त करता है।

(1)सतभक्ति करने से भक्त की आत्मा निर्मल हो जाती है और पाप कर्म भी सतभक्ति करने से कटते हैं।

(2)सतभक्ति साधक के जीवन में आर्थिक, मानसिक और भौतिक सुख प्रदान करती है।

(3)सतभक्ति करने से घातक रोग भी ठीक होते  हैं।

(4)सतभक्ति में भाग्य को बदलने की शक्ति होती है।

संत रामपालजी महाराज एकमात्र ऐसे संत है। जिन्होंने दहेज़ मुक्त, नशा मुक्त, भ्रष्टाचार मुक्त, व्याभिचार मुक्त समाज का निर्माण करते हुए सत्ज्ञान की सुगंध को पूरे विश्व में फ़ैलाने का बीड़ा उठाया है। पूरे विश्व में केवल संत रामपाल जी महाराज जी जगत के तारणहार एवं पूर्ण सतगुरु हैं।

#17Feb_SantRampalJi_BodhDiwas
#बोधदिवस_पर_विश्व_को_न्यौता
#SantRampalJiMaharaj 


अधिक जानकारी के लिए Sant Rampal Ji Maharaj > App Play Store से डाउनलोड करें और Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel पर Videos देखें और Subscribe करें।

संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम उपदेश लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जायें।
⬇️⬇️ 



प्रश्न:- पूर्ण सतगुरु के क्या लक्षण होते हैं ?

प्रश्न:- पूर्ण सतगुरु के क्या लक्षण होते हैं ?

उतर:-पूर्ण संत की पहचान होती है कि, वर्तमान के धर्म गुरु उसके विरोध में खड़े होकर राजा व प्रजा को गुमराह करके उसके ऊपर अत्याचार करवाते हैं।

”सतगुरु के लक्षण कहूं, मधूरे बैन विनोद।
चार वेद षट शास्त्र, कहै अठारा बोध।।“

 पूर्ण गुरु के  लक्षण है। कि वह चारों वेदों, छः शास्त्रों, अठारह पुराणो,आदि सभी ग्रंथों का पूर्ण जानकार होगा अर्थात् उनका सार निकाल कर  मानव समाज को बताएगा।

प्रश्न:-संत रामपाल जी महाराज के क्या उद्देश्य हैं?

उत्तर:- परम संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य आध्यात्मिक मार्ग पर फैले पाखंडवाद को समाप्त करना, सभी प्रमाणित धर्म ग्रंथों की तुलनात्मक समीक्षा करके शास्त्र अनुकूल भक्ति जनसाधारण तक पहुंचाना, समाज में व्याप्त कुरीतियों का समूल नाश करना मृत्यु भोज, भ्रूण हत्या, छुआछूत, रिश्वतखोरी भ्रष्टाचार आदि से मुक्त समाज का निर्माण करना।

संत सतगुरु रामपाल जी के आध्यात्मिक ज्ञान से विश्व में भाईचारा, अमन-शांति तथा पतन हो चुकी मानवता का फिर से उत्थान हो रहा है। संत रामपाल जी महाराज जी को आज विश्वगुरु, विश्व विजेता, जगतगुरु तथा धरती पर अवतार, महापुरुष आदि नाम से पुकारा जाने लगा है क्योंकि आज उनके द्वारा बताए गए शास्त्रानुसार आध्यात्मिक ज्ञान से स्वच्छ समाज का निर्माण, मानव जीवन का कल्याण और विश्व मे शांति का माहौल बन रहा है।


प्रश्न:-वर्तमान समय में सत भक्ति कौन दे रहे हैं?

उत्तर:-वर्तमान समय में सतभक्ति केवल संत रामपाल जी महाराज जी ही बता रहे हैं। संत रामपाल जी महाराज ने उस पूर्ण ब्रह्म परमात्मा का वास्तविक ज्ञान करवाया कि वह परमात्मा कौन है कहां रहता है कैसे मिलता है किसने देखा है उसकी वास्तविक भक्ति विधि क्या है?

संत रामपाल जी महाराज ने सर्व पवित्र धर्म के पवित्र शास्त्रों का सार बता कर अध्यात्मिक ज्ञान का एक ऐसा निष्कर्ष निकाल कर मानव समाज को दिया है जिससे आज मनुष्य अपने धर्म शास्त्रों में छुपे हुए गूढ़ रहस्य से अवगत हो कर उस पूर्ण परमात्मा को प्राप्त कर सकता है जिसकी गवाही सभी धर्मों के पवित्र शास्त्र धर्म ग्रंथ दे रहे हैं। 

संत रामपाल जी महाराज ने सभी पवित्र धर्मों के शास्त्रों से प्रमाणित किया है कि, पूर्ण परमात्मा साकार है या नराकार है सतलोक में रहता है और उसका नाम कबीर है?

संत रामपाल जी महाराज जी का उद्देश्य -:
आज मानव समाज में फैली समस्त बुराइयों को जड़ से खत्म करके स्वच्छ  समाज का निर्माण करना है। संत रामपाल जी महाराज पूरे विश्व में ऐसे महान संत हैं जिनके यथार्थ ज्ञान से धरती बन सकती है स्वर्ग समान और सुखी हो सकता है इंसान।।

#17Feb_SantRampalJi_BodhDiwas
#बोधदिवस_पर_विश्व_को_न्यौता
#SantRampalJiMaharaj 


अधिक जानकारी के लिए Sant Rampal Ji Maharaj > App Play Store से डाउनलोड करें और Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel पर Videos देखें और Subscribe करें।

संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम उपदेश लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जायें।
⬇️⬇️ 


कौन हैं संत रामपाल जी महाराज तथा इनके जनकल्याण के क्या उद्देश्य हैं?

✴️ प्रश्न-: कौन हैं संत रामपाल जी महाराज तथा इनके जनकल्याण के क्या उद्देश्य हैं? ✴️

उत्तर-: सर्वप्रथम हम आपको बताना चाहेंगे कि, संत रामपाल जी महाराज कौन है? 
दोस्तों वैसे तो दुनिया में करोड़ों संतों की भरमार है।  किंतु इन संतो में सच्चा संत अर्थात तत्वदर्शी संत कौन है?
 इसकी पहचान कर पाना बहुत ही आसान है। पवित्र श्रीमद्भागवत गीता के अध्याय 15 के श्लोक 1–4 में वर्णित है जो संसार रूपी उल्टे लटके हुए वृक्ष को सवेदवित जड़ से लेकर तने तक प्रमाण सहित बता देता है। वह तत्वदर्शी संत है। वर्तमान में केवल संत रामपाल जी महाराज जी ही शास्त्रों को खोलकर प्रमाण दिखा रहे हैं। अर्थात इससे स्पष्ट है। कि संत रामपाल जी महाराज ही वह सच्चे संत अर्थात तत्वदर्शी संत है।

दोस्तों संत रामपाल जी महाराज जी एक ऐसे संत है जो समाज को सतभक्ति प्रदान कर रहे हैं। तथा उन सच्चे मंत्रों का जाप बता रहे हैं। जो आज से पहले जिन महापुरुषों को स्वयं परमात्मा मिले हैं । जैसे नानक देव जी,आदरणीय गरीबदास जी महाराज जी, आदरणीय रामानंद जी, मलूक दास जी, घीसा दास जी इत्यादि, इन मंत्रों का स्वयं जाप करते थे।  संत रामपाल जी महाराज का उद्देश्य है। जनता को सुखी करना तथा अपने परमधाम सतलोक पहुंचाना। इसके साथ-साथ समाज में फैली पाखंडवाद, कुरीतियां, नशा, चोरी जारी, मांस भक्षण, रिश्वतखोरी इत्यादि को जड़ से समाप्त करना चाहते हैं और इसी के लिए संत रामपाल जी महाराज दिन-रात संघर्ष कर रहे हैं। 

प्रश्न-: संत रामपाल जी महाराज  ने समाज के लिए कौन-कौन से कार्य किए तथा संत रामपाल जी महाराज  को ही गुरु बनाना क्यों आवश्यक है?

उत्तर-:संत रामपाल जी महाराज जी ने अपना सब कुछ जनता के लिए न्योछावर कर दिया उन्होंने घर, बाल परिवार, नौकरी इत्यादि को छोड़ा। जनता को सुखी करने के लिए तथा सत भक्ति का मार्ग प्रशस्त करने के लिए संत रामपाल जी महाराज  ने जन जन तक काफी वर्षों तक पैदल यात्रा से ज्ञान का प्रचार करते रहे। आज वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी के करोड़ों अनुयाई हो चुके हैं। कारण यही है। कि संत रामपाल जी महाराज जी शास्त्रों के अनुसार सत भक्ति प्रदान कर रहे हैं। और उनके द्वारा सद्भक्ति से लोगों को अनगिनत लाभ हो रहे हैं। कैंसर से कैंसर लाइलाज जैसी बीमारी भी ठीक हो रही है। आज लोग नशे, चोरी जारी, रिश्वतखोरी, मांस भक्षण इत्यादि से मुक्त होकर एक सच्चे परमात्मा की भक्ति कर रहे हैं।
संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में आज रक्तदान का शिविर भी जगह जगह लगाया जाता है। लोग संत रामपाल जी महाराज जी के ज्ञान से प्रेरित होकर रक्तदान भी करते हैं । यहां तक की देहदान भी करते हैं। लाखों-करोड़ों बेटियां आज दहेज के कारण मारी जा रही हैं। उन्हें गर्भ में ही मार दिया जाता है। संसार को देख नहीं पाती ऐसी स्थिति में संत रामपाल जी महाराज जी ने बेटियों के लिए दहेज मुक्त विवाह का प्रावधान किया है। जिसमें आज उनके अनुयाई किसी भी प्रकार का दहेज नहीं लेते हैं। आज बेटियां स्वच्छ जीवन जी रही हैं।

दोस्तों वैसे तो दुनिया में बहुत से अधिक संत हैं । 
किंतु बात यहां यह है कि संत रामपाल जी महाराज जी को ही गुरु क्यों बनाए? 
जैसा कि उपर्युक्त में विवरण दिया है कि जो सच्चे संत होते हैं अर्थात तत्वदर्शी संत होते हैं वह सवेदवित प्रमाण सहित शास्त्रों के अनुसार ज्ञान देते है।

आदरणीय गरीबदास जी महाराज जी ने कहा है–
”सतगुरु के लक्षण कहूं, मधूरे बैन विनोद।
चार वेद षट शास्त्र, कहै अठारा बोध।।“
अर्थात् सतगुरु गरीबदास जी महाराज अपनी वाणी में पूर्ण संत की पहचान बता रहे हैं कि, वह चारों वेदों, छः शास्त्रों, अठारह पुराणों आदि सभी ग्रंथों का पूर्ण जानकार होगा। अर्थात् उनका सार निकाल कर बताएगा।
 
आदरणीय कबीर साहिब जी ने सतगुरु के लक्षण बताएं हैं–
"जो मम संत सत उपदेश दृढ़ावै(बतावै), वाके संग सभि राड़ बढ़ावै।
या सब संत महंतन की करणी, धर्मदास मैं तो से वर्णी।।"
अर्थात् कबीर साहेब जी अपने प्रिय शिष्य धर्मदास जी को इस वाणी में समझा रहे हैं कि, जो मेरा संत सत भक्ति मार्ग को बताएगा उसके साथ सभी संत व महंत झगड़ा करेंगे। ये उसकी पहचान होगी।

इस प्रकार दोस्तों संत रामपाल जी महाराज जी ही वह संत है। जिन पर उपर्युक्त वाणी खरी खरी उतरती है। अब आसानी से सच्चे सतगुरु की पहचान कर पाना संभव है। तो कह सकते हैं कि, संत रामपाल जी महाराज जी को ही गुरु अवश्य बनाना चाहिए। जिससे हम सच्चे मंत्रों का जाप कर सकें, और अपने निज स्थान सतलोक जा सके। संतमत में जिस दिन गुरु से दीक्षा प्राप्त होती है । वही हमारा असली जन्म अर्थात अध्यात्मिक जन्म माना जाता है। संत रामपाल जी महाराज जी को 37 वर्ष की आयु में फाल्गुन महीने की अमावस्या की रात्रि में 17 फरवरी 1988 को नाम दीक्षा प्राप्त हुई । जिसके फलस्वरूप 17 फरवरी को बोध दिवस के रूप में मनाते हैं। इस बोध दिवस के उपलक्ष में आपको सच्चे और तत्वदर्शी संत साथ ही सतगुरु की पहचान बता दी गई हैं। जिससे आप पहचान कर संत रामपाल जी महाराज जी से नाम दीक्षा अवश्य ले, और अपने मनुष्य जीवन को सफल बनाएं।

#17Feb_SantRampalJi_BodhDiwas
#बोधदिवस_पर_विश्व_को_न्यौता
#SantRampalJiMaharaj 


अधिक जानकारी के लिए Sant Rampal Ji Maharaj > App Play Store से डाउनलोड करें और Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel पर Videos देखें और Subscribe करें।

संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम उपदेश लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जायें।
⬇️⬇️ 



कौन हैं संत रामपाल जी महाराज और क्या हैं उनके उद्देश्य ?🎈

कौन हैं संत रामपाल जी महाराज और क्या हैं उनके उद्देश्य ?🎈

उत्तर-:जगत् गुरू तत्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज समाज के एकमात्र पथ प्रदर्शक हैं। जो सतभक्ति देकर सर्व बुराइयां दूर कर कलयुग में सतयुग ला रहे हैं। श्रीमद्भगवदगीता, वेदों, क़ुरान, बाईबल, श्रीगुरुग्रंथ साहिब आदि सदग्रंथों के ज्ञान सार “एक भगवान और एक भक्ति” के अनुरूप सतभक्ति द्वारा पूर्ण मोक्ष प्रदान कर सतगुरु मानव कल्याण कर रहे हैं। कुरीतियों, बुराइयों और भ्रष्टाचार से मुक्त समाज बनाने के लिए कृतसंकल्प हैं। आपसी वैमनस्य मिटाकर विश्व शांति स्थापित कर धरती को स्वर्ग बनाने की ओर अग्रसर हैं।

संत रामपाल जी ही एकमात्र जगतगुरु हैं, जो सारे संसार को भक्ति का सच्चा मार्ग प्रशस्त कर रहे हैं। वे वही तत्वदर्शी संत (बाखबर/ इल्मवाला) हैं जिनके विषय में पवित्र गीता और पवित्र कुरान में बताया गया है और इन्होंने शास्त्रों के अनुसार “एक भगवान और एक भक्ति” के सिद्धांत को स्थापित किया। वे विश्वविजेता संत हैं जिन्होंने विश्व के सभी संतों, गुरुओं, शंकराचार्यों एवं धर्मगुरुओं को ज्ञान चर्चा में निरुत्तर किया है। 

वे धरती पर पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब के अवतार हैं। वे जगत को सभी दु:खों से ही नहीं अपितु जन्म-मृत्यु के दीर्घ रोग से मुक्त कराने वाले तारणहार भी हैं। जिन्होंने सत भक्ति देकर मोक्ष प्रदान कराकर मानव कल्याण का कार्य पुरजोर प्रारंभ किया है।

परम सन्त रामपाल जी महाराज के क्या उद्देश्य हैं?

उत्तर-:संत रामपाल जी महाराज ने जाति, धर्म व ऊंच नीच से मुक्त मार्ग बताया है। संत रामपाल जी के यहाँ कोई भी जाति, धर्म, उच्च पद या सामान्य वर्ग का कोई भाई बन्धु जाए वे सभी से प्यार और समभाव से पेश आते हैं। वहां न किसी को अपनी जाति का अभिमान होता है, न ही धर्म का और न किसी पद प्रतिष्ठा का। संत रामपाल जी के सभी के लिए संदेश है:-

जीव हमारी जाति है, मानव धर्म हमारा।
हिन्दू मुस्लिम सिक्ख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।।

समाज में व्याप्त कुरीतियों का समूल नाश करना।

दहेज प्रथा, मुत्युभोज, भ्रूण हत्या, छुआछूत, रिश्वतखोरी, भ्रष्टाचार आदि से मुक्त समाज का निर्माण करना है।

नशा मुक्त भारत बनाना। समाज में मानव धर्म का प्रचार, भ्रूण हत्या पूर्ण रूप से बंद करना ।

छुआ-छूत रहित समाज का निर्माण ।

समाज से पाखंडवाद को खत्म करना।

भ्रष्टाचार मुक्त समाज का निर्माण करना।

समाज से जाति-पाति के भेद को मिटाना।

समाज से हर प्रकार के नशे को दूर करना।

समाज में शांति व भाईचारा स्थापित करना।

विश्व को सतभक्ति देकर मोक्ष प्रदान करना।

युवाओं में नैतिक और आध्यात्मिक जागृति लाना

समाज से दहेज रूपी कुरीति को जड़ से खत्म करना

सामाजिक बुराईयों को समाप्त करके स्वच्छ समाज तैयार करना

समस्त धार्मिक ग्रंथों के प्रमाण के आधार पर शास्त्र अनुकूल साधना समाज को देना ।

अज्ञानियों के दृष्टिकोण से भारतवर्ष में संत रामपाल जी महाराज विवादित माने जाते हैं। लेकिन वे एक ऐसे महापुरुष हैं । जिनके विषय में अधिकांश को सही जानकारी नहीं है। आपसी वैमनस्य मिटाकर विश्व शांति स्थापित कर धरती को स्वर्ग बनाने की ओर अग्रसर संत रामपाल जी महाराज इस समय केंद्रीय जेल हिसार (हरियाणा) में लीला कर रहे हैं। जिन्होंने सभी धर्मों के पवित्र ग्रंथों से प्रमाणित किया है । कि कबीर जी भगवान हैं। उन्होंने सत्संगों में प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रमाण भी दिखाए हैं। संत रामपाल जी के अनुयायी उन्हें भगवान के तुल्य मानते हैं।

पृथ्वी पर विवेकशील प्राणियों की भी कमी नहीं है। ऐसे सत्य पथ के खोजी लोग उस परम तत्व के ज्ञाता संत को ढूंढकर, उनकी आज्ञाओं को स्वीकार कर, उनके निर्देशानुसार मर्यादा में रहकर अपने मनुष्य जन्म को कृतार्थ करते हैं। वर्तमान में मानव समाज शिक्षित और बुद्धिजीवी है। अतः वास्तविक संत का खोजी है।

यही समय है जब सत्य शब्द लेने वाले जीव होंगे मुक्त।

कबीर साहेब ने सूक्ष्म वेद में बताया कि, कलयुग के 5505 वर्ष बीत जाने के बाद मेरा (कबीर परमेश्वर) सत्य शब्द लेने वाले सब जीव मुक्त हो जाएंगे। और कलयुग में सतयुग जैसा वातावरण निर्मित होगा।

#17Feb_SantRampalJi_BodhDiwas
#बोधदिवस_पर_विश्व_को_न्यौता
#SantRampalJiMaharaj 


अधिक जानकारी के लिए Sant Rampal Ji Maharaj > App Play Store से डाउनलोड करें और Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel पर Videos देखें और Subscribe करें।

संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम उपदेश लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जायें।
⬇️⬇️ 



शनिवार, 28 जनवरी 2023

Q -: मगहर क्षेत्र में मंदिर और मस्जिद की स्थापना कैसे हुई?

🎆 *कबीर परमेश्वर निर्वाण दिवस* 🎆

Q -: मगहर क्षेत्र में मंदिर और मस्जिद की स्थापना कैसे हुई?
Ans-: मगहर क्षेत्र, वर्तमान जिला संतकबीर नगर उत्तर प्रदेश में कबीर साहिब जी ने अपने लीला के अंतिम दिन में सशरीर हजारों लोगों के सामने जिसमें हिंदू-मुसलमान आदि सभी सम्मिलित थे। अपने दिव्य शरीर के साथ सशरीर अपने निजधाम सतलोक चले गए। उनके शरीर के स्थान पर सुगंधित फूल मिले। मगहर के नवाब बिजली खान पठान और काशी नरेश बीरदेव सिंह बघेल परमात्मा कबीर जी के शिष्य थे। कबीर परमात्मा जी ने हमेशा सबको यही बताया कि आप एक परमात्मा की संतान हो आपका पिता एक है। इसलिए आपस में धर्म ओर क्षेत्र के नाम पर लड़ो मत। एक होकर रहो। 

"हिंदू मुस्लिम दो नहीं भाई, दो कहै सो दोजख (नरक) जाही।"

जब परमात्मा जी सशरीर अपने सतलोक चले गए। तब मगहर नवाब बिजली खां पठान ने 500 बीघा जमीन हिंदुओं को और 500 बीघा जमीन मुस्लिमों को दी। कबीर साहेब के दोनों धर्मों के अनुयायियों ने अपने-अपने मजहब के अनुसार मगहर में उन पवित्र सुगंधित फूलों से जो परमात्मा कबीर जी के शरीर के स्थान पर मिले थे उनको लेकर 100 फुट की दूरी में दोनों ने यादगार के रूप में समाधियाँ बनाई। जो आज भी मगहर वर्तमान संत कबीर नगर में विद्यमान है। 


#GodKabir_NirvanaDiwas
#कबीरपरमेश्वर_निर्वाणदिवस 1 फरवरी 2023
#मगहर_लीला
#SantRampalJiMaharaj

अधिक जानकारी के लिए Sant Rampal Ji Maharaj > App Play Store से डाउनलोड करें और Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel पर Videos देखें और Subscribe करें।

संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम उपदेश लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जायें।
⬇️⬇️ 




Q-: क्या कबीर जी की मृत्यु हुई थी ?

🎍 *कबीर परमेश्वर निर्वाण दिवस* 🎍

Q-: क्या कबीर जी की मृत्यु हुई थी?
Ans-: नहीं! कबीर साहेब जी सन 1518 में मगहर से सशरीर अपने निजधाम सतलोक (अमरलोक) गए थे। कबीर साहेब जी ने आम जनमानस की तरह लीला की। परंतु उनकी मृत्यु आम आदमी की तरह नहीं हुई वह सशरीर गये थे। 

ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 93 मंत्र 2, ऋग्वेदमण्डल 10 सूक्त 4 मंत्र 4 और ऋग्वेद मण्डल 9 सूक्त 1 मंत्र 9 में वर्णित लीला के अनुसार परमात्मा कबीर जी सन् 1398 में काशी के लहरतारा नामक तालाब पर सुबह ब्रह्म मुहूर्त में कमल के फूल पर शिशु रूप में प्रकट हुये। नीरू और नीमा नामक निसंतान जुलाहा दम्पति को मिले। परमात्मा कबीर जी के बचपन की परवरिश की लीला कुंवारी गाय के दूध से हुई। वह काशी में 120 वर्ष जुलाहे की भूमिका करते रहे और अपने सच्चे ज्ञान से लोगों को परिचित करवाते रहें। लोगों को उस समय यह भ्रम था कि जो काशी में शरीर छोड़ता है, वह सीधा स्वर्ग जाता है और जो मगहर में शरीर छोड़ता है, वह नरक जाता है। इस वजह से बहुत सारे लोग काशी में करोंत लेकर गर्दन कटवाते थे। 

गरीब, बिना भगति क्या होत है, भावैं कासी करौंत लेह। 
मिटे नहीं मन बासना, बहुबिधि भर्म संदेह।।

इस भ्रम को दूर करने के लिए परमात्मा कबीर जी अपने अंतिम समय में मगहर गए और हजारों हिंदू-मुस्लिमों के सामने सशरीर अपने निजधाम सतलोक चले गए। चादर के बीच में जिस पर कबीर परमात्मा जी लेटे हुए थे और ओढ़े हुए थे, उनके बीच मे केवल सुगंधित पुष्प मिले। जिन्हें दोनों धर्मों के अनुयायियों ने आपस में बांट लिया और कबीर साहेब के निर्वाण की लीला को गवाह के रूप में बनाये रखने के लिए वहां पर उनकी दो समाधियाँ बनाई जो आज भी विद्यमान हैं।


#GodKabir_NirvanaDiwas
#कबीरपरमेश्वर_निर्वाणदिवस 1 फरवरी 2023
#मगहर_लीला
#SantRampalJiMaharaj

अधिक जानकारी के लिए Sant Rampal Ji Maharaj > App Play Store से डाउनलोड करें और Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel पर Videos देखें और Subscribe करें।

संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम उपदेश लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जायें।
⬇️⬇️ 



जिला संत कबीर नगर में स्थित मगहर स्थान क्यों प्रसिद्ध है?

🎈 *कबीर परमेश्वर निर्वाण दिवस* 🎈

Q -: जिला संत कबीर नगर में स्थित मगहर स्थान क्यों प्रसिद्ध है?
Ans-: जिला संत कबीर नगर, उत्तर प्रदेश में मगहर नामक स्थान पर परमात्मा कबीर जी की यादगार समाधियाँ स्थित है। जोकि सन् 1518 में माघ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को कबीर साहेब जी सशरीर अपने निजधाम सतलोक चले जाने के उपलक्ष्य में बनाई गई थीं। उस समय वहां पर सभी धर्मों के हजारों लोग उपस्थित थे। सन् 1398 में कबीर परमात्मा जी काशी के लहरतारा नामक तालाब पर बालक के रूप में कमल के फूल पर प्रकट हुए थे। नीरू-नीमा नामक निसंतान जुलाहे दंपति को मिले। कबीर परमात्मा ने 120 वर्ष काशी में जुलाहे की भूमिका की और अपने दिव्य तत्वज्ञान से लाखों लोगों को ज्ञान दीक्षा दी। उस समय पूरे विश्व की जनसंख्या 1 अरब भी नहीं रही होगी तब 64 लाख लोगों ने परमात्मा कबीर जी से नाम दीक्षा ली और उनके शिष्य बने और पाखंड पूजा आदि समाज को मुक्त किया।


#GodKabir_NirvanaDiwas
#कबीरपरमेश्वर_निर्वाणदिवस 1 फरवरी 2023
#मगहर_लीला
#SantRampalJiMaharaj

अधिक जानकारी के लिए Sant Rampal Ji Maharaj > App Play Store से डाउनलोड करें और Sant Rampal Ji Maharaj YouTube Channel पर Videos देखें और Subscribe करें।

संत रामपाल जी महाराज जी से निःशुल्क नाम उपदेश लेने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जायें।
⬇️⬇️