शनिवार, 25 अगस्त 2018

शंका समाधान अध्यात्म भक्ति के बारे में

*शंका  समाधान*
लोगो  के  मन मे  ये  गलत शंका  रहती  हैं  की  संत  रामपाल जी देवी देवताओं को नही मानते और इनको छुडाते है ।
*हम संत रामपाल जी के शिष्य आपको निवेदन करते है कि आप कृपया पूरी सच्चाई जाने आधी अधूरी जानकरी नुकसानदेह होती है। साधना टी वी पर रोज शाम को 7:30pmको सच का संग अर्थात सत्संग में सच जाने।*

*और हम आपको यह बता देना चाहते  है कि संत रामपाल जी देवी देवताओं की वैदिक रीति ''''ब्रह्म गायत्री मंत्र"'' से साधना करवाते है और वेदों में भगवान का आदेश जिस पूर्ण प्रभु की भक्ति का  है, उनकी अति गुप्त सच्चा  मंत्र* 
*""""आदि राम रसायनमंत्र''''" द्वारा भक्ति करवाते है।*

*सुबह को सनातन लोक और* *सनातन परमेश्वर की आरती*
*दोपहर को देवताओं की रमैनी आरती*
*व शाम को सनातन परमेश्वर की आरती करवाते है ।*
*यही मूल आदि सनातन भक्ति मार्ग है बिधि है।*
गीता जी मे भगवान ने कहा है जो इस शास्त्र बिधि को त्यागकर खुद की मर्जी या किसी के भी बताए शास्त्र विरुद्ध मनमाना आचरण को करता है वो भगवान का  महा अपराधी है।
*देवता हमारे शरीर मे हमारे साथ है इसलिए हमारे परम गुरुदेव हमारे शरीर मे देवताओ की मूल स्थिति दिखा और बता कर साधना करवाते है जिससे ये देवता हमको हमारे अंदर दिखाई देते है ।इसलिए हमको इंसान के बनाये कृत्रिम मंदिर में जाने की जरूरत ही नही पडती। और उनके फ़ोटो भी लगाने की भी जरूरत नही पड़ती । साक्षात दर्शन होते रहते है ।
 और 24 प्रकार की सिद्धियां भी शरीर मे प्रकट होने लगती है । और मानव जीव पूर्ण मुक्त होकर सनातन लोक जाने की तैयारी में होता है ।*
हे मित्रो परम कल्याणकारी भक्ति मार्ग को संत रामपाल जी से प्राप्त करो ।
*शैतानी शक्तियों ने माया के पुजारी लोगो द्वारा इस परम संत को बदनाम कराया है आप विद्धान हो आप पूरी सच्चाई जानो जो भी आरोप लगे वो कोर्ट में निराधार साबित हुए।और षड्यंत्र कारी एक एक करके कोर्ट द्वारा दंडित किये जा रहे है ये टीवी न्यूज वाले ये खबर नही दिखाएंगे क्योंकि उन्होंने पैसा लिया था गलत खबर चलाने का*
कृमशः आगे और महत्वपूर्ण जानकारी देता रहूंगा । सत साहेब जी

जनकल्याणकारी - जीवनकल्याणकारी जरूरी तथ्य

*जनकल्याणकारी - जीवनकल्याणकारी जरूरी तथ्य*
भारत मे लोग सबसे ज्यादा आस्तिक और पूजा पाठी है फिर भी सबसे ज्यादा तांडव है यहां ,,,,
आखिर क्यों ? कभी सोचा है ?
भगवान गीता जी मे अर्जुन के माध्यम से सारी दुनिया के लिए आदेश दे गए कि करने योग्य धार्मिक क्रियाओ की बिस्तृत जानकारी *सच्चिदानंद घन ब्रह्म की वाणियो को पढो*
  इसलिए सच्चिदानंद घन ब्रह्म की वाणियो को पढ़कर पूर्ण *ब्रह्म ज्ञान* की प्राप्ति होती है ।। जिसमे हमने जाना कि सर्व जीवात्मायें जो मृत्युलोक में फंसी है ने हठ करके सनातन परमेश्वर को छोड़ अमर सनातन लोक को छोड़ इस मृत्युलोक में आ गयी थी। यहां इस मृत्युलोक के स्वामी ने हम सभी को सभी बातें भूल दी। और अपनी त्रिगुण माया के अधीन कर दिया । और हम सभी अमर जीवो के ऊपर 4 प्रकार के शरीर की परतें चढ़ा दी । और सभी को जन्म मृत्यु में डाल दिया । और अपनी त्रिगुण मई माया के प्रभाव से हमारे कर्म खराब करा कर 84 लाख प्रकार के अन्य शरिरो में डाल कर कष्ट देता है ।
 इसने की कुछ जीवो को देव बनाया कुछ को राक्षस और कुछ को मानव ,,,,  और सर्व कार्य गुप्त रूप से अपने ब्रह्म लोक में रहकर करता है ।
इस ब्रह्म ने ही जीवो की दुर्गति की हुई है ये नही चाहता कि कोई भी जीव को पूरा मूल सच पता चले और जीव यहाँ से मुक्त हो सनातन लोक जा पाए । इसलिए जब भी परमात्मा का कोई भी अंश आता है ये बखेड़ा खड़ा करता ही है याद कर इतिहास जैसे संत ईसा जी , संत गुरु नानक देव की
संग गरीब दास जी , संत मलूक दास जी
और अब संत रामपाल जी ।
*हे मित्रो ! हम सब एक परमेश्वर की संतान है औए बेद परमेश्वर का भेजा हुआ हमारे लिए एक गाइड और संबिधान है जिसका सही सही प्रयोग कर हम सच मे वास्तविक साधना और भक्ति मार्ग में प्रगति कर पाएंगे और जो  भक्ति मार्ग में लाभ लिखे है वो मिलेंगे तथा रिद्धि व सिद्धि तो फ्री में ही आ जाती है*।
*और जान बूझकर वास्तविक भक्तिमार्ग को जानने की कोशिस न करने वाला वास्तव में भगवान का महा अपराधी है। क्या आप की भक्ति बिधि शास्त्र अनुकूल है कृपया हम से मिल कर चेक कर ले ये मानव जीवन बहुत दुर्लभ है बाद में बहुत पछतावा होता है।*
अर्थात भारत मे लोग भगवान के आदेशों के विरुद्ध पूजा पाठ कर और करवा रहे है जाने और अनजाने में बहुत गंभीर अपराध रोज रोज करते है , आन उपासना करते है , फलस्वरूप यहां के लोग  अंध भक्ति करते और करवाते है अपना जीवन नरक बनाते है । और मरकर भूत प्रेत आदि निकृष्ट योनियो में सजा पाते है ।।
धन्यवाद ,,, आगे भी महत्वपूर्ण जानकारी साझा करता रहूंगा ।
*पूर्ण ब्रह्म कवीर रामपाल जी महाराज की जय हो*

जरा सोचिए

*जरा सोचिए*
आपको परमात्मा ने मानव शरीर क्यों दिया ?
अपने आस पास देखो बहुत सी जीवात्मायें कुत्ते बिल्ली घोडे हाथी कीड़े मकोड़े सुअर गधे गाय भैस आदि शरीरो में में कष्ट पा रही है , आखिर उन्होंने पिछले मानव जन्म में ऐसे कौन से *शास्त्र विरुद्ध मनमाना आचरण* किया कि इस बार उनको अन्य शरीरो में दंड भोग रहे है ।
और आपको किस कारण इस जन्म में मानव शरीर मिला ?
*सोचिये जरा सोचिए*
यदि नही सोचोगे तो श्रेष्ठ भक्ति मार्ग मिलेगा भी नही और शास्त्र विरुद्ध अर्थात भगवान के आदेश विरुद्ध मनमाने आचरण करने से आप भी भगवान के अपराधी हो जाओगे और इसका दंड आने वाली पीडिया और खुद भी भोगोगे।
 *आपके हितैषी संत रामपाल जी के शिष्य आपसे नम्र निवेदन करते है कि आप यदि खुद को हिन्दू मानते हो और खुद को भगवान का भगत मानते हो तो आपके लिए अति अनिवार्य है कि आप संत रामपाल जी के सत्संग सुने और जाने अतिगोपनीय रहस्य और भगवान के वेदो में वर्णित आदेश संविधान जिस पर चल कर  आप सनातन लोक के अधिकारी बनोगे मृत्युलोक से हमेशा के लिये मुक्त हो जाओगे ।  माया पर विजय पा लोगे सम्पूर्ण ब्रह्म ज्ञानी हो जाओग, सभी देवता आपके एक वचन में सध जाएंगे ,24 सिद्धिया आ जाएंगी ,
जन्म जन्मान्तरों के सर्व पाप नाश हो जाएंगे । पूर्ण हंस बन सनातन लोक जाओगे और अमर स्वरूप में वहां अपने परिवार सहित निवास करोगे ।
देर न करो मानव जीवन सफल करो *( नोट :- कोई भी शंका प्रश्न हो तो कृपया समाधान प्राप्त करे और अपनी भक्ति को अमूल्य बनाये भक्ति के नाम पर टाइम पास न करे ऐसे लोगो से भगवान कभी खुश नही होता ))*
*परम अक्षर ब्रह्म कबीरगने: नमः*
*सत श्री अकाल कवीर पुरख*
*आदि राम कविराय नमः*
साधना टीवी पर रोज शाम 7:30pm पर
श्रद्धा टीवी पर रोज दोपहर 2:00pm पर
और आपके आस पास सभी मुख्य जगहो पर हर माह सत्संग
 भारत सहित कई देशों में  हर 80 km पर निःशुल्क नाम दीक्षा केंद्र और शंका समाधान केंद्र

सच्ची खबर कड़वा घूंट

*सच्ची खबर कड़वा घूंट*
मनुष्य भगवान के आदेशों की अज्ञानतावश अपनी सुबिधानुसार रोज रोज धज्जियां उड़ाते है , और खुद को बहुत धार्मिक व्यक्ति कहते है,
भगवान ने जीव को मानव शरीर दिया और उस शरीर मे  सात मंदिर(कमल चक्र बनाये) ।
प्रथम मूल में (रीढ़ की हड्डी के नीचे अंत मे) गणेश जी का निवास मंदिर कमल है ।
इससे ऊपर ब्रह्मा जी सावित्री जी का मंदिर कमल , इससे ऊपर नाभि क्षेत्र में विष्णु लक्ष्मी जी का मंदिर कमल, इससे ऊपर हृदय  में शिव जी पार्वती जी का मंदिर कमल , इससे ऊपर कंठ में देवी दुर्गा जी का मंदिर कमल, इससे ऊपर मस्तक के मध्य में त्रिकुटी मंदिर कमल
और इससे ऊपर सिर के ऊपरी हिस्से में ज्योति निरंजन ब्रह्म का मंदिर कमल
*परम सनातन सद्गुरु संत रामपाल जी महाराज 
अपने शिषयो को मानव निर्मित कृतिम मंदिर में भक्ति साधना के भाब से जाने को मना करते है और  शिष्य के (ब्रह्म गायत्री मंत्र साधना से ) मानव शरीर मे इन सभी देवताओं के मंदिर कमल के दरवाजे खोल देते है। और उनके शिष्य को देव स्वयम दर्शन देते है हासिल चाल पूछते है । संत रामपाल जी अपने सभी शिष्यो के सभी विकार छुड़वाते है और सरल व निर्मल जीवन का उपदेश देते है , *और सर्वोच्च पुरषोत्तम आदि राम का राम रसायन सतनाम मन्त्र प्रदान कर सनातन लोक का अधिकारी बनाते है। वास्तव में ये संत रामपाल जी के शिष्य सनातन लोक की तैयारी कर रहे है इसलिए सिर्फ ये ही सनातन भक्त है* *ये है  सर्ब देवो के प्रिय भक्त* बाकी के जीव तो मृत्युलोक में बने स्वर्ग नरक या अन्य लोको की क्षणिक सुख में ही भटके है,
, और ये नकली संत और लोग जो कोई न कोई नशा करते है मासाहार करते है झूट बोलते है अनैतिक कार्य करते है । भगवान के संबिधान का मूल ज्ञान ही नही पता और भक्ति व साधना का मूल भाव ही नही पता  और संत रामपाल जी व इनके शिषयो पर गलत कमेंट करके अपनी मूर्खता साबित करते है और अपना मानव जीवन को बेकार करते है । तरस आता है ऐसे मूर्ख मानवो पर। पता नही ये अगले जनम में क्या शरीर प्राप्त करेंगे ।

भगवान के अपराधी कौन

*भगवान के अपराधी कौन*

:- जो व्यक्ति भगवान के आदेशो को जानना न चाहे
:-जो ब्यक्ति अपने लाभ के लिए भगवान के आदेशों के बिरुद्ध मनमाना आचरण करे और करवाये ।
:-जो व्यक्ति पाखंड करे और करवाये
:- जो नशा करे जैसे तम्बाखू, गुटखा, शराब, अफीम ,चरस , बीड़ी , सिगरेट, ड्रग्स आदि आदि
:- जो मासाहार करे।
:- जो चोरी,ठगी,बईमानी आदि आदि आंतरिक बिकार से युक्त हो
:- जो वास्तविक भक्ति को छोड़ केवल माया माया के पीछे पड़ा रहे।
:- सभी नास्तिक ।
:- सभी आस्तिक जो नकली विधि से भक्ति कर और करवा रहे है ।
:- जो अपने एक सनातन परमेश्वर को छोड़ अन्य को अपना ईष्ट बनाये बैठे है।
:- जो भक्ति केवल दिखावे के लिए करते है।

धर्म की हानि क्यों और कैसे होती है?

*जब जब धर्म की हानि होती है तब तब भगवान अपना रूप धर्म की रक्षा हेतु भेजते है* (पवित्र गीता जी)

  बहुत ही गंभीर प्रश्न कि
*धर्म की हानि क्यों कैसे होती है*
 *किस प्रकार परमात्मा का अंश रूप ज्ञान से धर्म की स्थापना करता है*
इन प्रश्नों का उत्तर जानने के लिए रोज शाम साधना टीवी पर *7:30 pm* पर
और श्रद्धा टीवी पर रोज दोपहर *2:00 pm*  पर एकाग्रचित होकर देखे व सुने।।।