*देवी भागवत पुराण के तीसरे स्कन्ध की कथा पढ़ने से प्राप्त ज्ञान*
ब्रह्मा जी द्वारा अपने पिता ब्रह्म के दर्शनों के लिए *तप* करने के लिए जाना असफल होकर वापस आकर अपनी माता देवी *दुर्गा जी* से झूठ बोलना और *देवी दुर्गा जी* का ब्रह्मा जी को शाप देना कि
हे ब्रह्मा ! तेरी पूजा जग में नही होगी आगे तेरे वंशज ब्राह्मण होंगे वे बहुत पाखंड करेंगे। झुठी बात बना कर जग को ठगेंगे।ऊपर से कर्म कांड करते दिखाई देंगे अंदर से विकार करेंगे । शास्त्रो की वास्तविकता से अपरिचित होंगे फिर भी मान वश धन प्राप्ति के लिए गुरु बन कर अनुयायियों को शास्त्र विरुद्ध मनमाना आचरण करेंगे और बनावटी लोक कथाये सुनाएंगे । एक परमेश्वर की पूजा छुड़वाकर मनुष्यो को तरह तरह के देवी देवताओं की पूजा पर लगा कर और दूसरों की निंदा करके नरक का भागी बनाएंगे ।दक्षिणा के लिए जगत को गुमराह करेंगे । अपने आपको सबसे अच्छा और दूसरो को नीचा समझेंगे
। माता जी के मुख से ये बात सुन कर ब्रह्मा जी मूर्छित होकर जमीन पर गिर गए।। बहुत समय उपरांत होश आया ।।
*उपरोक्त कथा आप देवी भागवत पुराण के तीसरे स्कन्द को पढ़कर जान सकते है* इसमे नोट करने वाली बात यह है कि *देवी दुर्गा जी का शाप खाली नही जा सकता हमे देवी दुर्गा जी पर पूरा विश्वास करके ब्राह्मणों के चंगुल से बाहर निकले और इनके किसी भी धार्मिक तर्को पर विश्वास नही करे क्योंकि देवी जी के शाप के अनुसार आपको हानि होगी*
ब्रह्मा जी द्वारा अपने पिता ब्रह्म के दर्शनों के लिए *तप* करने के लिए जाना असफल होकर वापस आकर अपनी माता देवी *दुर्गा जी* से झूठ बोलना और *देवी दुर्गा जी* का ब्रह्मा जी को शाप देना कि
हे ब्रह्मा ! तेरी पूजा जग में नही होगी आगे तेरे वंशज ब्राह्मण होंगे वे बहुत पाखंड करेंगे। झुठी बात बना कर जग को ठगेंगे।ऊपर से कर्म कांड करते दिखाई देंगे अंदर से विकार करेंगे । शास्त्रो की वास्तविकता से अपरिचित होंगे फिर भी मान वश धन प्राप्ति के लिए गुरु बन कर अनुयायियों को शास्त्र विरुद्ध मनमाना आचरण करेंगे और बनावटी लोक कथाये सुनाएंगे । एक परमेश्वर की पूजा छुड़वाकर मनुष्यो को तरह तरह के देवी देवताओं की पूजा पर लगा कर और दूसरों की निंदा करके नरक का भागी बनाएंगे ।दक्षिणा के लिए जगत को गुमराह करेंगे । अपने आपको सबसे अच्छा और दूसरो को नीचा समझेंगे
। माता जी के मुख से ये बात सुन कर ब्रह्मा जी मूर्छित होकर जमीन पर गिर गए।। बहुत समय उपरांत होश आया ।।
*उपरोक्त कथा आप देवी भागवत पुराण के तीसरे स्कन्द को पढ़कर जान सकते है* इसमे नोट करने वाली बात यह है कि *देवी दुर्गा जी का शाप खाली नही जा सकता हमे देवी दुर्गा जी पर पूरा विश्वास करके ब्राह्मणों के चंगुल से बाहर निकले और इनके किसी भी धार्मिक तर्को पर विश्वास नही करे क्योंकि देवी जी के शाप के अनुसार आपको हानि होगी*