आपको वो लोमड़ी याद है जिसको अंगूर नही मीले तो कहने लगी कि अंगूर खट्टे है,, याद आया कि नही,,
इसी प्रकार अनेको पंथों के साधकों को नर आकार पूर्ण परमेश्वर नही मिला , इसलिए उन्होंने कहना शरू कर दिया कि भगवान निराकार है, दिखाई नही देता ,
सद ग्रंथो में सच्चाई लिखी है , मृत्युलोक के स्वामी मायापति काल की माया से बिचलित हुई बुद्धि
उस सत्य को जान न पाई।
इस लिये प्रत्येक युग मे स्वयम नर आकार परमेश्वर साधारण मनुष्य के रूप में आकर एक कवि की भांति रोल करके सच्चाई बताते है , औऱ अनेको पंथों और धर्मो में बंटे लोगों संतो महंतो ऋषियों ब्राह्मणों आदि को उनकी गलतियों पर लताड़ भी लगाते है, उनको आयना दिखाते है, और सच्चाई से रूबरू भी कराते है,
जो मूर्ख ईगो हर्ट के कारण ये समझता है कि ये सभी की निंदा कर रहा है ,, तो वो बड़ा अभागा है , हमे दया आती है उस पर की वो पार कैसे होगा, क्योंकि वो सच्चाई जानना ही नही चाहता,
600 वर्ष पूर्व कवीर जी रूप में परमेश्वर ने लीला की
और अब संत रामपाल जी रूप में ,, अब और क्या कहूँ समझदार जो होगा वो अब पूरा ज्ञान सुनेगा पढ़ेगा समझेगा ,,,, फिर कुछ कहेगा करेगा ,, सत साहेब
साधना टीवी रोज शाम 7:30 बजे
www.Supremegod.org
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उस सत्य को जान न पाई।
इस लिये प्रत्येक युग मे स्वयम नर आकार परमेश्वर साधारण मनुष्य के रूप में आकर एक कवि की भांति रोल करके सच्चाई बताते है , औऱ अनेको पंथों और धर्मो में बंटे लोगों संतो महंतो ऋषियों ब्राह्मणों आदि को उनकी गलतियों पर लताड़ भी लगाते है, उनको आयना दिखाते है, और सच्चाई से रूबरू भी कराते है,
जो मूर्ख ईगो हर्ट के कारण ये समझता है कि ये सभी की निंदा कर रहा है ,, तो वो बड़ा अभागा है , हमे दया आती है उस पर की वो पार कैसे होगा, क्योंकि वो सच्चाई जानना ही नही चाहता,
600 वर्ष पूर्व कवीर जी रूप में परमेश्वर ने लीला की
और अब संत रामपाल जी रूप में ,, अब और क्या कहूँ समझदार जो होगा वो अब पूरा ज्ञान सुनेगा पढ़ेगा समझेगा ,,,, फिर कुछ कहेगा करेगा ,, सत साहेब
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