शुक्रवार, 1 दिसंबर 2017

सावधान युग बदल रहा है। 👈 VIP🕜🔶

*सावधान युग बदल रहा है*
     जैसा कि हम सैकड़ो वर्षो आए सुनते आ रहे है कि इस कलयुग में एक हजार वर्षों के लिए सतयुग आएगा । परमेश्वर अपना अंश भेजेगा और उसकी कृपा से सारे मानव एक होंगे और एक उपासना पद्यति होगी और सब एक सच्चाई के मार्ग पर भाई चारे के साथ चलेंगे ।पूर्णतया सतयुग होगा ।
  वर्तमान संतो में  श्री राम शर्मा आचार्य   जय गुरुदेव  आदि संतो ने ठोक कर गवाही दी है ।
 आज वो परमात्मा का अंश अब अपने पूर्ण परिचय के साथ प्रकट है  और सतयुग भी प्रकट हो रहा है ।
 आज परमेश्वर के उस अंश संत की शरण मे आये   64 लाख से भी अधिक  जीवात्मायें   चोरी, ठगी,  गुटखा, तम्बाकू,शराब कोई भी नशा , दहेज और शादियों में बेमतलब का दिखावा ,  वेद शास्त्र विरुद्ध भक्ति साधना, ईर्ष्या द्वेष आदि  बुराईयो से  पुर्णत्या दूर है । औऱ  लोग    उपरोक्त बुराईयो के छोड़कर उस संत को पहचान कर  उसकी शरन में आ रहे है । उसका  लक्ष्य है 2020 तक सम्पूर्ण मानव समाज को जो अलग अलग बंटा हुआ है को एक कर के एक सच के मार्ग में लगाकि दे और सतयुग को पूर्णतया स्थापित कर दे । और वो ऐसा करके ही रहेगा । बाइबिल में और भविष्य पुराण में  भाई वाले बाली जन्म साखी में और गरीब दास जी की वाणियो में ,धर्मदास जी की वाणियो में इस संत और इस समय का वर्णन है ।
  इस महा अभियान को असफल करने हेतु शैतानी शक्तिया भी अपना कुचक्र  चलाती रहती है । इन्ही शैतानी शक्तियों ने  उस महा संत के मार्ग को अवरुद्ध करने के लिए  उसको बदनाम कराया जैसे 600 वर्ष पहले नानक जी को बदनाम कराया ।
और नाना प्रकार से मानव को उस महासंत से दूर करने के प्रयास किये गए । किन्तु  अब वो सारे शैतानी प्रयास परमेश्वर ने असफल कर दिए
आप भी पहचान लो कहि आप भी शैतानी चाल के शिकार तो नही  ये मानव शरीर और समय निकाल गया तो आप से दुर्भाग्यशाली कोई नही। अभी समय रहते सच जाने और परमेश्वर के इस अभियान में सहयोगी बने ।
 आओ जाने परमेश्वर के अंश संत रामपाल जी को और गोपनीय रहस्यो को
   
महासंत रामपाल जी ने शास्त्रो के अनेकों गोपनीय रहस्यो को उजागर किया है
 और  सावित्री ब्रह्मा जी
 लक्ष्मी विष्णु जी
पार्वती शिव जी
गणेश जी
देवी दुर्गा जी
 ब्रह्म जी
अक्षर ब्रह्म जी
और परम अक्षर ब्रह्म जी इन सभी के गोपनीय रहस्य और इनकी साधना भक्ति बिधि व गोपनीय मन्त्र भी प्रदान किये है जिससे जीव  में 24 सिद्धिया आती है और वो माया को जीत कर सभी ऋणों से मुक्त  होकर  मृत्युलोक से हमेशा के लिए मुक्त होकर अपने निज धाम अमर सनातन लोक सतलोक को जाता है ।।

ऐसे परम पवित्र कार्य को शैतान के कुछ दूतो ने संत रामपाल जी को बदनाम किया कि वो देवताओ को छुड़वाता है जबकि सच ये है कि संत रामपाल जी देवताओ की नकली साधना पूजा को हटवा कर असली शास्त्र अनुकूल गोपनीय मन्त्रो से देवताओ की साधना करवाते है जिससे सर्व देवता शीघ्र प्रसन्न होते है और दर्शन भी देते है ।
शैतान नही चाहता कि फिर से इंसान अच्छा बने उसमे शक्तिया आये और वो मुक्त हो और धरती पर फिर से सतयुग आये इसलिए वो अपने प्रभाब से कुछ लोगो से दुष्प्रचार करवा रहा है ।  *इसलिए  साबधान युग बदल रहा है इसलिए  जो भी इस मार्ग में अड़चन डालेगा उसकी दुर्गति निश्चित है*  समय और सच जानो ये आपका अधिकार है 
साधना tv प्रतिदिन शाम
7:40pm से 8:40pm तक  रोज  गोपनीय रहस्य जाने ।। सत साहेब ।।

बुधवार, 8 नवंबर 2017

जीवन की सभी अशांतियो और समस्याओ का मूल कारण जाने

जीवन की सर्व अशांतियो और समस्याओं को मूल कारन  हमे  परमपिता परमेश्वर के विधान को पढ़कर मिलेगा जो हमारे पवित्र शास्त्रो में लिखे है । हमारे दैनिक जीवन में उनका कितना महत्व है ये आपको पवित्र शास्त्रो पर आधारित पवित्र पुस्तक जीने की राह नामक पुस्तक से ज्ञात होगा ।  इस पुस्तक को पढ़कर वास्तव में आज मानव को सीधी सरल जीवन की राह मिल रही है और सभी समस्याओ का समाधान मिल रहा है ।  64करोड़ से अधिक  लोग अब तक लाभ प्राप्त कर चुके है और बहुत आनंदपूर्ण जीवन जी रहे है । आप इस पुस्तक को निम्न लिखित लिंक से फ्री डाउनलोड कर सकते है।👇
पवित्र पुस्तक जीने की राह यहाँ क्लिक करे pdf file 

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शुक्रवार, 20 अक्टूबर 2017

सम्पूर्ण मानव जाती के लिए सन्देश imp.

गीता ज्ञान भावार्थ
सनातन परमेश्वर की भक्ति  तत्त्वदर्शी संत से तीन बार में प्राप्त होती है ।  प्रथम बार में गुझ गायत्री मन्त्र  जिसमे   ब्रह्मा जी सवित्रीजी , विष्णु जी लक्ष्मी जी, शिव जी पार्वती जी , दुर्गा जी और गणेश जी  के मन्त्र होते है ये हमारे शरीर के कमल चक्रों में उपस्थित होते
है इस मन्त्र से ये सभी देवता  सध जाते है और इनसे ऋणमुक्ति होती है ।।
 दूसरी बार में  "ॐ" और "तत्" मन्त्र होता है ये सांसो में चलता है तथा तीसरा सनातन सत्य परमेश्वर का मन्तर "सत" होता है ।। इस कंपलीट कोर्स से जीवात्मा सनातन लोक को जाती है ।

वर्तमान समय में  ये गुप्त साधना भक्ति एक मात्र तत्त्वदर्शी संत रामपाल जी ही दे रहे है । जाओ और अपना कल्याण कराओ ।
 हे मनुष्य तुम्हारी शंका समाधान हेतु बता दू की मेरी माया बड़ी दुष्कर है इसने   पाखंडियो को सम्मान दिलाया है और सच्चे संतो को सच्ची बात बताने वालो को तिरस्कार करवाया है । उदाहरण देख लो गुरुनानक जी , ईसा जी ,गरीब दास जी ,  सुकरात जी और अब वर्तमान में संत रामपाल जी ।  और मेरी माया ने ही मनुषयो को मूल भक्ति से हटाकर अनेको धर्मो और पंथो में बाँट दिया है ताकि मनुष्य की मुक्ति न हो सके ।। इस सच्चाई को जानकर और तत्वदर्शी  बाख़बर संत रामपाल जी से  कड़वा पूर्ण ब्रह्म ज्ञान प्राप्त कर लेता है और उसको स्वीकार करता है  वो मनुष्य मेरी त्रिगुण माया को लाँघ जाता है । ऐसे ज्ञानी  जीव मुझको प्रिय है ।  ये ज्ञानी जीव जी विकारो को त्यागकर भक्ति करते है ।
हे मानव जैसे पुरे वर्ष न सूखने वाला बड़ा जलाशय के प्राप्त हो जाने पर छोटे तालाब में मनुष्य की जैसी आस्था रह जाती है । फिर  तत्त्व दर्शी संत रामपाल जी से प्राप्त मूल ज्ञान और मूल सनातन भक्ति  की प्राप्ति के पश्चात् अन्य देवताओ में आस्था रह जाती है ।
हे मानव । त्रिगुण माया देवो की  भक्ति करने वाले मनुष्यो में नीच राक्षस स्वाभाव वाले दूषित कर्म करने वाले दुष्ट मनुष्य  मेरी भी भक्ति नही करते वो सनातन परमेश्वर को भक्ति क्या खाक करेंगे । इनको सच बताओ तो ये  सच स्वीकार नही करते  और उल्टा मारने को आएंगे । और षड्यंत्र करेंगे ।   हे मनुष्य  बाद विबाद सच और झूट में  शास्त्रो को प्रमाण मानकर सच को स्वीकार करना ।।  सच बहुत बड़ा है ।
हे मानव एक मात्र तत्त्वदर्शी बाखवर संत रामपाल जी ही है जो तुमको  शास्त्रो से  प्रमाणित कर के बता रहे है की तुम सभी जीवात्माएं सनातन लोक को छोड़कर इस मेरे मृत्युलोक में कैसे आए और कैसे मेरी माया के अधीन हुए । और अब वापस  हमेशा के लिए  पूर्ण मुक्त होकर सनातन लोक कैसे जाओगे । देर न करो ।। अभी उस मुक्ति दाता की शरण में जाओ ।। 
(( कविराग्ने : नमः )) 

गुरुवार, 19 अक्टूबर 2017

प्रोफेसर राम लखन मीना और ब्राह्मण जी की वार्तालाप । खुले कई रहस्य जरूर पढे यह पोस्ट

मैं प्रोफसर राम लखन मीना भारत के सभी ब्राह्मणों को खुला चैलेन्ज देता हूँ कि कोई भी ब्राह्मण सिद्ध कर दे कि दशहरे के दिन रावण मारा गया था और राम दीपावली को अयोध्या वापिस आया था ?

कृपया पूरी पोस्ट पड़े और अधिक से अधिक शेयर जरूर करें ।

ब्राह्मणवाद की पोल खोलती ये पोस्ट.....

एक बार भंते दीपावली के समय पर बाजार में एक दुकान पर बैठे हुए थे । बाजार में  दुकानों पर बहुत भीड़ थी । भंते जी ने उस दुकानदार से पूछा कि दुकानों पर आज इतनी  भीड़ क्यों है । दुकानदार ने बताया कि भंते जी कल दीपावली है , इसलिए दुकानों पर भीड़ अधिक है ।

भंते जी ने उस दुकानदार से पूछा कि ये दीवाली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है ?

दुकानदार ने वहाँ बैठे पंडित को इशारा करते हुए कहा कि हे भंते जी ये पण्डित जी बतायेंगे । उस ब्राह्मण ने भंते जी को बताया कि दीवाली के दिन भगवान राम वनवास से वापिस आये थे , उस ख़ुशी में दीवाली का त्यौहार मनाया जाता है ।

भंते जी  - हे ब्राह्मण आप मनगढ़ंत कहानियों से भारत के आस्थावादी लोगों को खूब मूर्ख बनाते हैं ।

ब्राह्मण - हे भंते कैसे ?

भंते - हे ब्राह्मण ! कभी तुम राम के नाम पर दीपावली की मनगढ़ंत कहानी रचते हैं , कभी तुम सबरी के राम द्वारा झूठे बेर खाने का पाखण्ड रचते हैं , कभी सोने की लंका का पाखण्ड रच कर लोगों को मूर्ख बनाते हैं ।

ब्राह्मण - हे भंते ! इसमें क्या गलत है , राम दीपावली के दिन ही वनवास से वापिस आये थे ।

भंते - हे ब्राह्मण ! आपकी किसी भी रामायण में लिखा है कि राम दीपावली के दिन वन से वापिस आये थे ।

ब्राह्मण - हे भंते ! ऐसा किसी भी रामायण में नही लिखा है ।

भंते - हे ब्राह्मण ! आपकी किसी भी रामायण में लिखा है कि राम ने सबरी के झूठे बेर खाये थे ।

ब्राह्मण - हे भंते ! ऐसा किसी भी रामायण में नही लिखा है ।

भंते - हे ब्राह्मण ! आप लोग फिर मनगढ़ंत बातों से लोगों को दिग्भ्रमित क्यों करते हैं ।

ब्राह्मण - हे भंते ! ये आस्था का सवाल है ।

भंते - हे ब्राह्मण ! आस्था के पाखण्डों से लोगों को मूर्ख बनाना अधर्म नही है । आपको अपने ग्रंथों के सम्बंध में ज्ञान है ।

ब्राह्मण - हे भंते ! अच्छा ज्ञान है ।

भंते - हे ब्राह्मण ! राम का जन्म तुम कब मनाते हैं ।

ब्राह्मण - हे भंते ! राम का जन्म चैत्र माह में नवमीं को मनाते हैं।

भंते - हे ब्राह्मण ! वनवास के समय राम की आयु 17 वर्ष की थी , क्या आपको पता है ।

ब्राह्मण - हे भंते ! मुझे मालूम नही है , परन्तु आपको कैसे पता ?

भंते - हे ब्राह्मण ! राम वनवास के समय  कौशल्या ने राम से कहा कि बेटा तेरे जन्म से आजतक इन सत्तरह वर्षों में कैकेयी से मैंने बहुत दुःख झेले हैं , यदि तुम न होते तो मैं मर जाती । वाल्मीकि रामायण

ब्राह्मण - हे भंते ! इससे क्या सिद्ध होता ?

भंते  - हे ब्राह्मण ! राम को चौदह वर्ष का वनवास हुआ था और चौदह वर्ष के बाद अपने जन्म दिन चैत्र नवमीं के बाद ही वन से वापिस लौटे थे ।

ब्राह्मण - हे भंते ! ये कैसे प्रमाणित होता है कि राम चैत्र माह के बाद अर्थात मई माह में वन से वापिस आये थे ।

भंते  - हे ब्राह्मण ! पंचवटी से सीता का अपहरण कितने वर्ष बाद हुआ था ?

ब्राह्मण - हे भंते ! वनवास के 13 वर्ष बाद और वन से आने से एक वर्ष पूर्व ।

भंते - हे ब्राह्मण ! आप कैसे जानते हैं ?

ब्राह्मण - हे भंते ! जब सीता रावण के साथ जा रही थी , तब सीता ने रावण को कहा था कि मुझे वन में रहते 13 वर्ष हो गए हैं ।

भंते - हे ब्राह्मण ! ऐसा कौनसी रामायण में लिखा है ?

ब्राह्मण - हे भंते ! ऐसा वाल्मीकि रामायण में लिखा है ।

भंते - हे ब्राह्मण ! सीता का अपहरण चैत्र महीने के बाद ग्रीष्म ऋतु में हुआ था ।

ब्राह्मण - हे भंते ! यह कहाँ लिखा है ?

भंते - हे ब्राह्मण ! जब राम और लक्ष्मण सीता की खोज करते हुए सुग्रीव के पास पहुँचे तो उस समय ग्रीष्म ऋतु का समय था ।

ब्राह्मण - हे भंते ! यह कैसे प्रमाणित होता है ।

भंते - हे ब्राह्मण ! यह आपकी तुलसीकृत रामायण से प्रमाणित होता है ।

ब्राह्मण - हे भंते ! ऐसा तुलसीकृत रामायण में कहाँ लिखा है ?

भंते - हे ब्राह्मण ! यह किष्किन्धाकाण्ड के पृष्ठ संख्या - 597 पर लिखा है ।

ब्राह्मण - हे भंते ! इस सम्बंध में क्या लिखा है ?

भंते - हे ब्राह्मण ! तुलसीदास ने लिखा है -

गत ग्रीषम बरषा रितु आई । रहिहुँ निकट सैल पर छाई ।।

अर्थात - हे सुग्रीव ! ग्रीष्म ऋतु बीतकर वर्षा ऋतु आ गयी । अतः मैं पास के पर्वत पर ही रहूँगा ।

ब्राह्मण - हे भंते ! फिर हनुमान सीता की खोज में लंका कब गए थे ?

भंते - हे ब्राह्मण ! हनुमान सीता की खोज में अक्टूबर अर्थात कार्तिक महीने के आरम्भ में लंका गया था ।

ब्राह्मण - हे भंते ! ये कैसे ज्ञात हुआ ?

भंते - हे ब्राह्मण ! तुम अपने आपको बड़े बुद्धिमान समझते हैं और आपको अपने ग्रंथों के सम्बंध में कुछ भी ज्ञान नही है ।

ब्राह्मण - हे भंते ! कैसे ?

भंते - हे ब्राह्मण ! तुलसीकृत रामायण के किष्किन्धाकाण्ड के पृष्ठ संख्या - 602 पर साफ साफ लिखा है कि-

बरषा गत निर्मल रितु आई । सुधि न तात सीता की पाई ।।

अर्थात - हे लक्ष्मण ! वर्षा ऋतु बीत गई , निर्मल शरद ऋतु आ गयी , परन्तु अभी तक सुग्रीव ने सीता की खबर की कोई व्यवस्था नही की है ।

ब्राह्मण - हे भंते ! बिल्कुल सत्य है ।

भंते - हे ब्राह्मण ! सीता की खोज में हनुमान कार्तिक माह की शरद पूर्णिमा को लंका में पहुंचा था ।

ब्राह्मण - हे भंते ! ऐसा कहाँ लिखा है ।

भंते - हे ब्राह्मण ! ऐसा वाल्मीकि रामायण के पृष्ठ संख्या - 527 सुन्दरकाण्ड दूसरा सर्ग के श्लोक - 57 में लिखा है ।

ब्राह्मण - हे भंते ! इसका तात्पर्य है कि दीपावली पर राम का वन से आना एक पाखण्ड है ।

भंते - हे ब्राह्मण ! आप बिल्कुल सही पकड़े हैं । हनुमान सीता की खोज खबर लेकर एक महीने बाद आधे आश्विन में वापिस लौटा था अर्थात 15 नवम्बर के आस पास ।

ब्राह्मण - हे भंते ! ये कैसे प्रमाणित होता है ।

भंते - हे ब्राह्मण ! यह तुलसीकृत रामायण के पृष्ठ - 605 पर चौपाई 4 में लिखा है ।

ब्राह्मण - हे भंते ! इसके बाद राम को लंका पर फतह करने में कितना समय लगा ?

भंते - हे ब्राह्मण ! आपकी रामायण के अनुसार राम रावण युद्ध 6 महीने चला था ।

ब्राह्मण - हे भंते ! वन से राम अयोध्या वापिस कब लौटे ।

भंते - हे ब्राह्मण ! राम चैत्र महीने के बाद वन से वापिस लौटे थे ।

ब्राह्मण - हे भंते ! उस समय बहुत गर्मी होगी ।

भंते - हे ब्राह्मण ! जब राम अयोध्या वापिस लौट रहे थे तो भरत ने मजदूरों को आदेश दिया था कि सम्पूर्ण रास्ते और उसकी आस पास की जमीन पर बर्फ के समान ठण्डा पानी छिड़क कर भूमि को बिल्कुल ठण्डा कर दो ।

ब्राह्मण - हे भंते ! ऐसा आदेश कहाँ लिखा है ?

भंते - हे ब्राह्मण ! ऐसा आदेश वाल्मीकि रामायण के पृष्ठ संख्या - 873 युद्धकाण्ड के श्लोक 7 में है ।

ब्राह्मण - हे भंते ! उस रास्ते से राम को अयोध्या पैदल लाते समय  छाते की भी आवश्यकता हुई होगी ।

भंते - हे ब्राह्मण ! जब राम पैदल पैदल अयोध्या आ रहे थे , तब कुछ नौकर राम के ऊपर सफेद रंग का छाता लेकर चल रहे थे और कुछ हाथ के पंखे से हवा करते हुए चल रहे थे ।

ब्राह्मण - हे भंते ! रामायण में ऐसा वर्णन कौनसी जगह है ?

भंते - हे ब्राह्मण ! ऐसा वर्णन वाल्मीकि रामायण के युद्धकाण्ड के पृष्ठ संख्या - 873 के श्लोक 19 में है ।

ब्राह्मण - हे भंते ! इसका तात्पर्य है कि राम वैशाख अर्थात मई महीने में वापिस आये थे ।

भंते - हे ब्राह्मण ! जब राम अयोध्या वापिस आये , तब गगन में इतनी धूल छा गई कि गगन से धूल की वर्षा होने लगी ।

ब्राह्मण - हे भंते ! इससे क्या तात्पर्य है ?

भंते - हे ब्राह्मण ! इससे सिद्ध होता है कि उस समय ग्रीष्म ऋतु थी ।

ब्राह्मण - हे भंते ! ऐसा कहाँ लिखा है ।

भंते - हे ब्राह्मण ! ऐसा वाल्मीकि रामायण के युद्धकाण्ड के पृष्ठ संख्या 874 के श्लोक 29 में लिखा है ।

ब्राह्मण - हे भंते ! ग्रीष्म ऋतु के आरम्भ में सभी वृक्ष फल फूलों से लदे रहते हैं ।

भंते - हे ब्राह्मण ! जब राम की सेना राम के साथ अयोध्या की तरफ बढ़ रही थी , उस समय सभी मीठे फलदार वृक्ष फल फलों से आच्छादित थे ।

ब्राह्मण - हे भंते ! ऐसा कहाँ लिखा है ।

भंते - हे ब्राह्मण ! ऐसा वाल्मीकि रामायण के युद्धकाण्ड में पृष्ठ संख्या - 874 के श्लोक संख्या - 26 में लिखा है ।

ब्राह्मण - हे भंते ! इससे क्या सिद्ध होता है ?

भंते - हे ब्राह्मण ! इन सभी कथनों से सिद्ध होता है कि जब राम अयोध्या वापिस आये , उस समय वैशाख का महीना था ।

ब्राह्मण - हे भंते ! जब राम वैशाख में आये तो दीपावली का त्यौहार राम के वन से वापिस आने की ख़ुशी में क्यों मनाया जाता है ।

भंते - हे ब्राह्मण ! बुद्धिस्ट लोगों के त्यौहारों को नष्ट करने के लिए आप लोगों ने उनके सभी त्यौहारों का हरण कर लिया ।

ब्राह्मण - हे भंते ! दीपावली का त्यौहार बुद्धिस्ट लोगों द्वारा क्यों मनाया जाता है ?

भंते - हे ब्राह्मण ! तथागत बुद्ध ने उपदेश के रूप में 84 हजार गाथाएं गायी थी , उन गाथाओं को सम्यक रूप देने के लिए सम्राट अशोक ने पूरे देश में 84 हजार स्तूप बनवाये थे ।

ब्राह्मण - हे भंते ! इससे दीपावली का क्या सम्बंध है ?

भंते - हे ब्राह्मण ! कार्तिक की अमावस्या की रात देश के समस्त 84 हजार स्तूपों पर एक ही समय पर सभी बौद्ध भिक्षुओं द्वारा दीपदान किया था।

ब्राह्मण - हे भंते ! सम्राट अशोक द्वारा ये ही दिन क्यों चुना था ?

भंते - हे ब्राह्मण ! बौद्ध भिक्षुओं का वर्षावास शरद पूर्णिमा को समाप्त होता है ।

ब्राह्मण - हे भंते ! इसका क्या तात्पर्य है ?

भंते - हे ब्राह्मण ! उस समय वर्षावास समाप्त होने के उपरांत सभी बौद्ध भिक्षु अपनी व्यस्तता से स्वतंत्र हो गए थे ।

ब्राह्मण - हे भंते ! सभी बौद्ध भिक्षु अमावस्या की अँधेरी रात में सभी स्तूपों पर एक साथ दीपदान कर सकें , इसलिए सम्राट अशोक ने अमावस्या का ये दिन चुना था ।

भंते - हे ब्राह्मण ! आपने बिल्कुल सत्य कहा है ।

ब्राह्मण - हे भंते ! शरद पूर्णिमा मनाने का क्या तात्पर्य है ?

भंते  - हे ब्राह्मण ! वर्षावास समाप्त होने पर बौद्ध उपासकों द्वारा बौद्ध भिक्षुओं को खाने के लिए अपने निवास पर आमन्त्रित कर उनका स्वागत खीर से किया जाता था , उस दिन से शरद पूर्णिमा का त्यौहार मनाया जाता है ।

ब्राह्मण - हे भंते ! हम लोग शरद पूर्णिमा के दिन सुन्दरकाण्ड करते हैं ।

भंते  - हे ब्राह्मण ! आप लोगों द्वारा बुद्धिस्टों के सभी त्यौहारों का हरण करके अपनी भगवान रूपी दुकानदारी में बदल दिया ।

ब्राह्मण - हे भंते ! आपने सौ आना सिद्ध कर दिया कि दीपावली और शरद पूर्णिमा बुद्धिस्टों के त्यौहार हैं , इन पर हम लोगों द्वारा अवैध कब्जा कर रखा है ।

भंते - हे ब्राह्मण ! आप लोगों द्वारा बुद्धिस्टों के त्यौहारों का दुरूपयोग करके पाप कर्म किया है ।

ब्राह्मण - हे भंते ! इन पाप कर्मों से मुक्ति कैसे मिलेगी ?

भंते - हे ब्राह्मण ! आप देश की सम्पूर्ण जनता को गीता के अनुसार तत्वदर्शी संत के बारे में बताएं वही उनका कल्याण कर सकते हैं

ये है पोल भारतीय समाज को मूर्ख बनाने वाली ब्राम्हणो की मनगडन्त ,  कहानिया , पोथे पुराण , कथाएँ ।

रविवार, 28 मई 2017

मनमाना आचरण और सनातन भक्ति

🌱 ब्रेकिंग न्यूज़  🌱
सारा संसार लगा है प्रभु की आज्ञाओं को तोड़ मनमाने आचरण में तथा सनातन भक्ति मार्ग क्या है 

परमेश्वर ने मनुष्यो को प्रकृति का उपयोग करने के लिए गाइड दी जिसका नाम *वेद* हैं   जिसमे पूरी पृथ्वी सौर मंडल , यंत्रो यानो वाहनों  और स्वास्थ्य विज्ञानं  आदि के साथ साथ आध्यात्मिक विज्ञानं भी की सम्पूर्ण जानकारी थी ।
 कालान्तर में वेद लुप्त होने पर ब्रह्म द्वारा ऋषि वेदव्यास जी  के अंदर प्रवेश कर पुनः 4 भागो में प्रकट किये गए ।। और महाभारत में कृष्ण के अंदर प्रवेश कर ब्रह्म उर्फ़ महाकाल द्वारा वेदों का सार *गीता*जी में प्रकट किये गए ।। 
 मनुष्यो द्वारा सनातन परमेश्वर और सनातन लोक की प्राप्ति के लिए   वेदों का गहन अध्ययन किया गया व हिमालया पर हजारो लाखो वर्ष तप किया गया । तप से वो मनुष्य ऋषि हो गए और अनेको सिद्धियां आ गयी किन्तु सनातन परमेश्वर और सनातन लोक नही मिला और अपने अपने अनुभवो के उपनिषद बना लिए । कुछ ऋषियो ने योग द्वारा शरीर से निकल कर  ब्रह्म लोक से निचे तक के लोक और ब्रह्माण्ड खूब घुमे परंतु सनातन लोक नही मिला । गायत्री परिवार शांतिकुंज के संस्थापक  श्री राम आचार्य कहते है की मैं कई जन्मों से ऋषि हूँ सहस्रार चक्र से आगे 2 और चक्र है वो हम अनेको ऋषि कई जन्मों से नही खोल पाये हैं।शायद उनमे सनातन लोक की कोई जानकारी या मार्ग मिले । जब परमेश्वर की इच्छा होगी तब ही उसकी जानकारी और सनातन लोक की जानकारी संसार को मिलेगी और मैं आपको पुरे निश्चय से कहना चाहता हूँ की परमेश्वर की कृपा से यदि कोई संत आता है तो वो सनातन लोक और सनातन परमेश्वर की पूरी जानकारी देगा और वो अपने शिष्यो को प्रथम गुप्त गायत्री मन्त्र देगा शरीर के सारे चक्रों को खुलवायेगा और सहस्रार चक्र से ऊपर के चक्रों को खुलवाने वाले अन्य मन्त्र भी देगा । मेरे शिष्यो आप मुझको छोड़कर उसको सदगुरु ग्रहण करना ।। ))  इससे सिद्ध है की आचार्य भी मनमाने आचरण में लगे रहे सनातन परमेश्वर को पाने में हर जन्म में पूरी तरह असफल रहे चाहे उनमे कितनी भी सिध्दियां थी ।। 
गीता जी में प्रभु की आज्ञा है की  भक्तिमार्ग में संतुलित भोजन करो संतुलित जागो और सोओ 
बिलकुल भूखा न रहो अर्थात ब्रत न करो किन्तु संसार अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए प्रभू के इस आदेश को तोड़कर खूब ब्रत रखते हैं ।  फिर मनुष्य कहता फिरता है की खूब पूजा पाठ की किन्तु कोई फ़ायदा नही हुआ ।। 
गीता जी में प्रभु कहते है की  त्रिगुण देवो रजगुण ब्रह्मा सतगुण विष्णु तमोगुण शिव की भक्ति में लगा मनुष्यो में मुर्ख नीच दुष्ट राक्षसी स्वभाव को धारण किये ये मनुष्य मुझ ब्रह्म को भी नही भजता ।  अर्थात तीनो देवो की भक्ति को रिजेक्ट करता है ।  
।। मृत्युलोक में हम दो प्रभु अर्थात पुरुष अर्थात स्वामी हैं किन्तु पुरषोत्तम परमेश्वर तो कोई अन्य है और वो सनातन लोक में रहता है ।  मैं भी उसी आदिपुरुष परमेश्वर की शरण में हूँ ।।
हे अर्जुन यदि तू मेरी भक्ति करना चाहता है तो प्रणव मन्त्र का जाप कर और युद्ध भी कर 
यदि परम शांति अर्थात सनातन लोक चाहता है तो  परम अक्षर ब्रह्म की भक्ति कर और उसकी भक्ति का मन्त्र प्रणव तत् सत है । हे अर्जुन प्रणव मन्त्र को तू जनता है किन्तु तत् और सत् मन्त्र को जानने के लिए तू तत्त्व दर्शी संत के पास और उनकी चरण सेवा कर वो तुझको  गुप्त ज्ञान और गुप्त मंत्रो का उपदेश करेंगे ।
 मित्रो अर्जुन को तो तत्त्वदर्शी संत नही मिला किन्तु सनातन परमेश्वर ने हम सभी तुच्छ जीव जो मृत्युलोक में फंसे हैं को बचाने के लिए तत्त्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज जी को भेजा है कृपया वेदबित सारे ज्ञान उपदेश को समझे व सनातन परमेश्वर व सनातन लोक की प्राप्ति की एकमात्र सनातन भक्ति प्राप्त कीजिये ।। 
4सौ वर्ष पहले सनातन परमेश्वर कवीराग्नि गरीबदास जी को मिले और उनको गुरुपद प्रदान किया भक्ति दान दी जो क्रमशः संत शीतल दास् जी
संत ध्यानदास जी 
संत रामदास जी
संत ब्रह्मानंद जी
संत जुगतानंद जी
संत गंगेश्वरानंद जी
संत चिदानंद जी 
संत रामदेवानन्द जी से
चलती हुयी संत रामपाल जी तक पहुंची है आओ और अपना  कल्याण कराओ 
परम सन्त रामपाल जी द्वारा दिया जाने वाले गुप्त गायत्री मन्त्र में  सपत्नीक ब्रह्मा जी विष्णु जी और शिव जी  गणेशजी तथा देवी दुर्गा का गुप्त नाम मन्त्र शामिल है ।। इसके जाप से इन देवताओ का ऋण कर्ज उतरा जाता है और इनको साधा जाता है ये पांच देव हमारे मेरुदंड में पांच चक्रों में स्थित है मूल चक्र में गणेश जी स्वाद चक्र में ब्रह्मा जी नाभि चक्र में विष्णु जी  हृदय चक्र में शिव जी और कण्ठ चक्र में दुर्गा जी । और इस मंत्र में परमेश्वर के सदगुरु रूप का मन्त्र और सतपुरुष रूप का भी मन्त्र है ये हमारी भक्ति है और पाप नाशक मन्त्र है।
 दूसरी बार में परम सदगुरु तत्त्वदर्शी संत रामपाल जी महाराज  प्रणव तत् सत में से प्रणव तत् को डिकोड करके स्वास् उस्वास् में जपने का अजपा जाप देते है इसके प्रभाव से ब्रह्मलोक का द्वार सहस्रार चक्र व् इसके ऊपर का चक्र अक्षर ब्रह्म का लोक द्वार खुल जाता है
इन दोनों में सफल होने पर आदि सत् मन्त्र सार नाम देते है जिससे  अक्षर ब्रह्म  के लोक चक्र से ऊपर परम अक्षर ब्रह्म का लोक सनातन लोक का द्वार खुलता है  और  स्थाई निवास प्राप्त होता है।।और जीब जन्म मृत्यु से सदैव के लिए मुक्त हो जाता है नूरी शरीर मिलता है जिसका प्रकाश16 सूर्यो जितना है ।  वहां यहाँ से अनंत गुना अच्छा अजर अमर स्वतः प्रकाशित संसार है ।। देर न करे  निः शुल्क नाम दीक्षा प्राप्त कर जीवन के हर एक क्षण का सदुपयोग करे 

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शुक्रवार, 19 मई 2017

मृत्युलोक की रचना कब और क्यों हुयी जबकि जीव सनातन लोक में मस्त थे

उठो जागो और देखो परमेश्वर आ चूका है धरती पर 💜🌲




सनातन लोक में ऐसी क्या घटना घटी की मृत्युलोक की रचना हुयी और सनातन परमेश्वर कवीर के सनातन बच्चे असंख्य संख्या में अपने पिता और सनातन लोक को छोड़ मृत्यु लोक में आ फंसे और यहाँ घोर कष्ट उठा रहे है । इस मृत्युलोक का स्वामी कौन है । उसने क्यों जीवात्माओं को सारी बात भुला दी और जन्म मृत्यु में डाल दिया।   और अनेको धर्मो और भाषाओ में बाँट दिया  ।  आदि अनेको प्रश्नो का शास्त्रीय प्रमाणिक ज्ञान जानिए और वापस सनातन लोक जाने की एकमात्र शाश्त्र अनुकूल मूल भक्ति बिधि   भी प्राप्त कीजिये  वतमान में परमेश्वर कवीर के भेजे हुए एकमात्र संत रामपाल जी महाराज जी से ।।
💜💜💜💜💜💜💜💜💜💜💜💜💜
#अरे #अभी भी #नरक मे #सोये हो #उठो@उठो #देखो तो कौन आये है ये #पापी #भूमि मे #जहॉ ना सच@सत @प्यार@इंसानियत #सब #मरी पडी है @उठो #चूँक गये तो @घोर #नरक मे जाना #पडेगा हॉ #सोच लो #एक @बारी और#@
#पढो #ना बताओ #खुद को #ग्यानी #कहते हो?

#सत #साहिब #जी

😕सबका मालिक एक कौन है ?
😕सृष्टि की रचना किसने व्  कैसे की ?
😕ब्रह्मा विष्णु महेश के माता पिता कौन है ?
😕शेरावाली माता दुर्गाजी का पति कौन है और अगर नहीं है सिंदूर श्रृंगार और लाल चुनरिया किस वास्ते ?
😕हमको जन्म देने और मारने में किस प्रभु का स्वार्थ है ? हम क्यों जन्मते मरते है ?
😕84 लाख योनियां क्यों बनायीं गयी है ? क्या त्रिदेव दुर्गाजी 33 करोड़ देवी देवता का दिल पत्थर का है जो इतना कष्ट और मार काट दिया हुआ है जीवों को ?
   😕रेप के समय कोई भगवान क्यों न मदद करता ??
😕मानव जीवन का मुख्य उद्देश्य क्या है ?
😕परमात्मा की परिभाषा क्या है ?
😕क्या आपको पता है गीता का ज्ञान काल ने श्री कृष्ण जी के शरीर में प्रवेश हो कर बोला है ? पर क्यों और गीता में क्या राज की बातें है जो आज तक कोई समझ न पाया !!
😕श्री गुरु नानक देव जी के गुरु कौन थे ?
😕हम सभी देवी देवताओं की इतनी भक्ति करते है फिर भी दुःखी क्यों है ?
😕काल की परिभाषा क्या है ?
😕सतयुग में राम कृष्ण नहीं थे तब किसका धरते ध्यान ?
😕सच्चा ज़िहाद क्या होता है ? काफ़िर किसको कहते है ?
😕एक तू सच्चा एक तेरा नाम सच्चा यह वाक्य किसके वास्ते लिखा गया है ?
😕गर्भ में तो सब एक है फ़िर कलयुग में किसने और क्यों बाटा एक मानव को हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई व् अनेक पंथों और सम्प्रदायों में ?
😕अमेरिका जनगणना विभाग अनुसार रोज पृथ्वी पे 1,52,640 मनुष्यों की मृत्यु हो जाती है क्यों ?
😕युद्ध होने का कारण क्या है ?

😃अगर आप तृतीय विश्व युद्ध में अपनी और अपनों की जान बचाना चाहते है तो इस post को पढ़े और forward करें |
आपके 02 second पूरी मानवता को बहुत कुछ मदद दे सकते है !!
 😕एक विश्व को 209 देशों में और 2700 से ज्यादा भाषाओं में बाटने का मकसद क्या है ?
    😕 science और technology का आविष्कार परमात्मा ने किस मकसद से करवाया है ?
  😕   दुर्गाजी तो प्रकति देवी है Nature फिर ये बाढ़, सुखा , भुखमरी , भूकम्प , हैजा जैसी प्राकृतिक आपदाएं क्यों ?
   😕   मोक्ष क्या होता है और मुक्ति लेना क्यों जरुरी है ?
    😕 मुसलमान किसे कहते है ?
      😕  असली ब्राह्मण कौन है ?
    😕   सिक्ख किसे कहते है ? सिख और सरदार में अंतर क्या है ?
    😕  परमात्मा साकार है या निराकार ?
     😕 अल्लाह - ख़ुदा - रब - भगवान् के दीदार सम्भव है कि नहीं ?
     😕  परमात्मा हमें दिखाई क्यों न देते ?
    😕 ब्रह्मा विष्णु महेश दुर्गाजी और 33 करोड़ देवी देवता मिल कर भी मौत नहीं रोक पा रहे !! क्या कारण है क्या ये मौत रोकने में समर्थ नहीं ? तो कौन सी शक्तियां इनसे ऊपर है ? या ये मौत रोकना ही नहीं चाहते ?
    😕  ब्रह्मा विष्णु महेश भी अजर अमर नहीं ! पेज 123 श्रीमद्देविभागवादपुरान,
 गीताप्रेस गोरखपुर ।
😃 जानिये श्री गुरु नानक देव जी के 03 दिनों तक बेई नदी में गायब होने का राज !
😃 जानिये मृत्य उपरान्त कबीर साहेब के शरीर गायब हो जाने का राज !
😃 और गुरु नानक देवी जी ने ये क्यों कहा पेज 721 गुरु ग्रन्थ साहिब पे कि - " हक्का कबीर करीम तू बेऐब परवरदिगार " !!
😃 क़ुरआन शरीफ़ के सूरत फुर्कानि 25 आयत 52 पे लिखा है : फला तुतिअल काफिरन व् जाहिदहुम् विहि जिहादन कबीरा !
   😕 ऐसे अनेकों रहस्यों और अनसुलझे सवालों के जवाब जानने वास्ते कृपया रोज देखे :-
1. साधना टीवी रोज शाम 07:40 से 08:40
2. ख़बर फ़ास्ट रोज रात 09:30 से 10:30
3. हरियाणा न्यूज : रोज सुबह 06 से 07
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भगत विजय दास
Uttrakhand #Nainital @Bageshwar@Dewbhumi
whatsapp no. 8958802737
Only gyan charcha
मानुष जन्म दुर्लभ है, मिले नाबारंबार
तरूवर से पता टूट गिरे, बहुर न लगता डार।।
माँ अष्टंगी पिता निरंजन। वे जम दारुण वंशन अंजन।।
पहिले कीन्ह निरंजन राई। पीछेसे माया उपजाई।।
धर्मराय कीन्हाँ भोग विलासा।मायाको रही तब आसा।
तीन पुत्र अष्टंगी जाये। ब्रह्मा विष्णु शिव नाम धराये।।
ऋग्वेद मंडल न•9 सूक्त न•96 के मंतर न•17 मे प्रमाण है कि वो कवीर्देव है जो पृथ्वी पर शिशुरूप धारण करके आता है
कबीर, बेटा जाया ख़ुशी हुई, बहुत बजाये थाल।
आवण जाणा लग रहा,ज्यों कीड़ी का नाल।।
सत साहिब जी
अवश्य देखिया हॉ
नति बहुतै पछतला बाद मे
हुम् विहि जिहादन कबीरा !
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सत साहिब जी
अवश्य देखिया हाँ

सोमवार, 2 जनवरी 2017

पत्रकारिता का गिरता स्तर 2017 new big news


सतलोक आश्रम न्यूज़
2 जनवरी 2017
                   "पत्रकारिता का गिरता स्तर"
प्रिंट मीडिया द्वारा जान भुज कर समिति संयोजक का नाम ओर तत्त्व दर्शी संत रामपाल जी महाराज के नाम मॆ उलट फेर करना मीडिया की घटिया मानसिकता दर्शाता है ! जब कोई ओर संस्था इस प्रकार सेवा करती है तो यही प्रिंट मीडिया कार्यक्रम को बडा चढ़ा दिखाती है ! पर तत्त्व दर्शी संत रामपाल जी महाराज़ के अनुयाइयों द्वारा बिना दहेज बिना किसी आडम्बर के शादी की जाती है !जिसे रमैणि बोलते हैं ! केवल मात्र अपने परमेश्वर स्वरूप गुरु संत रामपाल जी को साक्षी मानकर, उन्ही की वाणी चलाकर 16 मिनट मॆ बंधन मॆ बँध जाती हैं दो आत्माये !

सरकार लाखो करोड़ों रुपये एडवर्टाइज पर खर्च कर रही है दहेज प्रथा से छुटकारा पाने के लिये ओर तत्त्व दर्शी संत रामपाल जी अपनी शिक्षा से अपने ज्ञान से इस बुराई को जड़ से ख़त्म करना चाहते हैं ! इन संत के अनुयाइयों द्वारा बिना दहेज बिना ड्कोस्ले बिना कोई खर्च के शादी की जाती है ! जब लड़की के माँ बाप को लड़की की शादी पर होने वाले खर्च की चिंता नहीँ होगी तो क्यू होगी भूर्ण हत्या ? स्वतः ही नारी जाती की इज्जत बडेगि ! इसलिए प्रिंट मीडिया इलैक्ट्रॉनिक मीडिया ओर सरकार को उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिये तत्त्व दर्शी संत रामपाल जी महाराज ओर इनके अनुयाइयों का........

इस लिंक पर जाकर देखें किस प्रकार से पत्रकारिता के उच्च मापदंड में भारी गिरावट आई है और लिंक पर जाकर लाइक,शेयर व कमेंट अवश्य करें
👇👇👇👇👇

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1295482310509304&id=912295662161306

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  big imp. point must read 

😕सबका मालिक एक कौन है ?
😕सृष्टि की रचना किसने व् कैसे की ?
😕ब्रह्मा विष्णु महेश के माता पिता कौन है ?
😕शेरावाली माता दुर्गाजी का पति कौन है और अगर नहीं है सिंदूर श्रृंगार और लाल चुनरिया किस वास्ते ?
😕हमको जन्म देने और मारने में किस प्रभु का स्वार्थ है ? हम क्यों जन्मते मरते है ?
😕84 लाख योनियां क्यों बनायीं गयी है ? क्या त्रिदेव दुर्गाजी 33 करोड़ देवी देवता का दिल पत्थर का है जो इतना कष्ट और मार काट दिया हुआ है जीवों को ?
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😕हम सभी देवी देवताओं की इतनी भक्ति करते है फिर भी दुःखी क्यों है ?
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😕गर्भ में तो सब एक है फ़िर कलयुग में किसने और क्यों बाटा एक मानव को हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई व् अनेक पंथों और सम्प्रदायों में ?
😕अमेरिका जनगणना विभाग अनुसार रोज पृथ्वी पे 1,52,640 मनुष्यों की मृत्यु हो जाती है क्यों ?

🤔एक विश्व को 209 देशों में और 2700 से ज्यादा भाषाओं में बाटने का मकसद क्या है ?
🤔 science और technology का आविष्कार परमात्मा ने किस मकसद से करवाया है ?
🤔दुर्गाजी तो प्रकति देवी है Nature फिर ये बाढ़, सुखा , भुखमरी , भूकम्प , हैजा जैसी प्राकृतिक आपदाएं क्यों ?
🤔मोक्ष क्या होता है और मुक्ति लेना क्यों जरुरी है ?
🤔मुसलमान किसे कहते है ?
🤔असली ब्राह्मण कौन है ?
🤔सिक्ख किसे कहते है ? सिख और सरदार में अंतर क्या है ?
🤔परमात्मा साकार है या निराकार ?
🤔अल्लाह - ख़ुदा - रब - भगवान् के दीदार सम्भव है कि नहीं ?
🤔परमात्मा हमें दिखाई क्यों न देते ?
🤔ब्रह्मा विष्णु महेश दुर्गाजी और 33 करोड़ देवी देवता मिल कर भी मौत नहीं रोक पा रहे !! क्या कारण है क्या ये मौत रोकने में समर्थ नहीं ? तो कौन सी शक्तियां इनसे ऊपर है ? या ये मौत रोकना ही नहीं चाहते ?
🤔ब्रह्मा विष्णु महेश भी अजर अमर नहीं ! पेज 123 श्रीमद्देविभागवादपुरान,
 गीताप्रेस गोरखपुर ।
😃 जानिये श्री गुरु नानक देव जी के 03 दिनों तक बेई नदी में गायब होने का राज !
😃 जानिये मृत्य उपरान्त कबीर साहेब के शरीर गायब हो जाने का राज !
😃 और गुरु नानक देवी जी ने ये क्यों कहा पेज 721 गुरु ग्रन्थ साहिब पे कि - " हक्का कबीर करीम तू बेऐब परवरदिगार " !!
😃 क़ुरआन शरीफ़ के सूरत फुर्कानि 25 आयत 52 पे लिखा है : फला तुतिअल काफिरन व् जाहिदहुम् विहि जिहादन कबीरा !
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1. साधना टीवी रोज शाम 07:40 से 08:40
2. ख़बर फ़ास्ट रोज रात 09:30 से 10:30
3. हरियाणा न्यूज : रोज सुबह 06 से 07
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