शनिवार, 25 अगस्त 2018

जनकल्याणकारी - जीवनकल्याणकारी जरूरी तथ्य

*जनकल्याणकारी - जीवनकल्याणकारी जरूरी तथ्य*
भारत मे लोग सबसे ज्यादा आस्तिक और पूजा पाठी है फिर भी सबसे ज्यादा तांडव है यहां ,,,,
आखिर क्यों ? कभी सोचा है ?
भगवान गीता जी मे अर्जुन के माध्यम से सारी दुनिया के लिए आदेश दे गए कि करने योग्य धार्मिक क्रियाओ की बिस्तृत जानकारी *सच्चिदानंद घन ब्रह्म की वाणियो को पढो*
  इसलिए सच्चिदानंद घन ब्रह्म की वाणियो को पढ़कर पूर्ण *ब्रह्म ज्ञान* की प्राप्ति होती है ।। जिसमे हमने जाना कि सर्व जीवात्मायें जो मृत्युलोक में फंसी है ने हठ करके सनातन परमेश्वर को छोड़ अमर सनातन लोक को छोड़ इस मृत्युलोक में आ गयी थी। यहां इस मृत्युलोक के स्वामी ने हम सभी को सभी बातें भूल दी। और अपनी त्रिगुण माया के अधीन कर दिया । और हम सभी अमर जीवो के ऊपर 4 प्रकार के शरीर की परतें चढ़ा दी । और सभी को जन्म मृत्यु में डाल दिया । और अपनी त्रिगुण मई माया के प्रभाव से हमारे कर्म खराब करा कर 84 लाख प्रकार के अन्य शरिरो में डाल कर कष्ट देता है ।
 इसने की कुछ जीवो को देव बनाया कुछ को राक्षस और कुछ को मानव ,,,,  और सर्व कार्य गुप्त रूप से अपने ब्रह्म लोक में रहकर करता है ।
इस ब्रह्म ने ही जीवो की दुर्गति की हुई है ये नही चाहता कि कोई भी जीव को पूरा मूल सच पता चले और जीव यहाँ से मुक्त हो सनातन लोक जा पाए । इसलिए जब भी परमात्मा का कोई भी अंश आता है ये बखेड़ा खड़ा करता ही है याद कर इतिहास जैसे संत ईसा जी , संत गुरु नानक देव की
संग गरीब दास जी , संत मलूक दास जी
और अब संत रामपाल जी ।
*हे मित्रो ! हम सब एक परमेश्वर की संतान है औए बेद परमेश्वर का भेजा हुआ हमारे लिए एक गाइड और संबिधान है जिसका सही सही प्रयोग कर हम सच मे वास्तविक साधना और भक्ति मार्ग में प्रगति कर पाएंगे और जो  भक्ति मार्ग में लाभ लिखे है वो मिलेंगे तथा रिद्धि व सिद्धि तो फ्री में ही आ जाती है*।
*और जान बूझकर वास्तविक भक्तिमार्ग को जानने की कोशिस न करने वाला वास्तव में भगवान का महा अपराधी है। क्या आप की भक्ति बिधि शास्त्र अनुकूल है कृपया हम से मिल कर चेक कर ले ये मानव जीवन बहुत दुर्लभ है बाद में बहुत पछतावा होता है।*
अर्थात भारत मे लोग भगवान के आदेशों के विरुद्ध पूजा पाठ कर और करवा रहे है जाने और अनजाने में बहुत गंभीर अपराध रोज रोज करते है , आन उपासना करते है , फलस्वरूप यहां के लोग  अंध भक्ति करते और करवाते है अपना जीवन नरक बनाते है । और मरकर भूत प्रेत आदि निकृष्ट योनियो में सजा पाते है ।।
धन्यवाद ,,, आगे भी महत्वपूर्ण जानकारी साझा करता रहूंगा ।
*पूर्ण ब्रह्म कवीर रामपाल जी महाराज की जय हो*

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