शनिवार, 25 अगस्त 2018

सच्ची खबर कड़वा घूंट

*सच्ची खबर कड़वा घूंट*
मनुष्य भगवान के आदेशों की अज्ञानतावश अपनी सुबिधानुसार रोज रोज धज्जियां उड़ाते है , और खुद को बहुत धार्मिक व्यक्ति कहते है,
भगवान ने जीव को मानव शरीर दिया और उस शरीर मे  सात मंदिर(कमल चक्र बनाये) ।
प्रथम मूल में (रीढ़ की हड्डी के नीचे अंत मे) गणेश जी का निवास मंदिर कमल है ।
इससे ऊपर ब्रह्मा जी सावित्री जी का मंदिर कमल , इससे ऊपर नाभि क्षेत्र में विष्णु लक्ष्मी जी का मंदिर कमल, इससे ऊपर हृदय  में शिव जी पार्वती जी का मंदिर कमल , इससे ऊपर कंठ में देवी दुर्गा जी का मंदिर कमल, इससे ऊपर मस्तक के मध्य में त्रिकुटी मंदिर कमल
और इससे ऊपर सिर के ऊपरी हिस्से में ज्योति निरंजन ब्रह्म का मंदिर कमल
*परम सनातन सद्गुरु संत रामपाल जी महाराज 
अपने शिषयो को मानव निर्मित कृतिम मंदिर में भक्ति साधना के भाब से जाने को मना करते है और  शिष्य के (ब्रह्म गायत्री मंत्र साधना से ) मानव शरीर मे इन सभी देवताओं के मंदिर कमल के दरवाजे खोल देते है। और उनके शिष्य को देव स्वयम दर्शन देते है हासिल चाल पूछते है । संत रामपाल जी अपने सभी शिष्यो के सभी विकार छुड़वाते है और सरल व निर्मल जीवन का उपदेश देते है , *और सर्वोच्च पुरषोत्तम आदि राम का राम रसायन सतनाम मन्त्र प्रदान कर सनातन लोक का अधिकारी बनाते है। वास्तव में ये संत रामपाल जी के शिष्य सनातन लोक की तैयारी कर रहे है इसलिए सिर्फ ये ही सनातन भक्त है* *ये है  सर्ब देवो के प्रिय भक्त* बाकी के जीव तो मृत्युलोक में बने स्वर्ग नरक या अन्य लोको की क्षणिक सुख में ही भटके है,
, और ये नकली संत और लोग जो कोई न कोई नशा करते है मासाहार करते है झूट बोलते है अनैतिक कार्य करते है । भगवान के संबिधान का मूल ज्ञान ही नही पता और भक्ति व साधना का मूल भाव ही नही पता  और संत रामपाल जी व इनके शिषयो पर गलत कमेंट करके अपनी मूर्खता साबित करते है और अपना मानव जीवन को बेकार करते है । तरस आता है ऐसे मूर्ख मानवो पर। पता नही ये अगले जनम में क्या शरीर प्राप्त करेंगे ।

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