कबीर साहेब हीं पूर्ण परमात्मा हैं। लगभग एक दर्जन संतो ने इनकी गवाही ठोककर दी है।
आएं देखें परमात्मा प्राप्त संतो की वाणी में क्या है प्रमाण!!
1.
✒सतगुरु पुरुष कबीर हैं, चारों युग प्रवान।
झूठे गुरुवा मर गए, हो गए भूत मसान।।
-गरीबदास जी
✒अनंत कोटि ब्रम्हांड में, बंदीछोड़ कहाये।सो तो पुरष कबीर है, जननी जने न माय।।
-गरीबदास जी
✒हम सुल्तानी नानक तारे, दादु को उपदेश दिया।जाति जुलाहा भेद न पाया,कशी माहे कबीर हुआ।।
-गरीबदास जी
2.
✒और संत सब कूप हैं, केते झरिता नीर।
दादू अगम अपार है, दरिया सत्य कबीर।।
-दादु दयाल जी
✒जिन मोको निज नाम दिया,सोई सतगुरु हमार।दादु दूसरा कोई नहीं, कबीर सृजनहार।।
-दादु दयाल जी
3.
✒खालक आदम सिरजिआ आलम बडा कबीर॥
काइम दिइम कुदरती सिर पीरा दे पीर॥
सयदे (सजदे) करे खुदाई नू आलम बडा कबीर॥
-नानक जी
✒यक अर्ज गुफ्तम पेश तोदर कून करतार।हक्का कबीर करीम तू बेऐब परवरदिगार।।
-नानक जी
✒नानक नीच कह विचार, धाणक रूप रहा करतार।
-नानक जी
4.
✒वाणी अरबो खरवो, ग्रन्थ कोटी हजार। करता पुरुष कबीर है, रहै नाभे विचार।।
-नाभादास जी
5.
✒साहेब कबीर समर्थ है, आदी अन्त सर्व काल।
ज्ञान गम्य से दे दीया, कहै रैदास दयाल॥
-रैदास जी
6.
✒नौ नाथ चौरसी सिद्धा, इनका अन्धा ज्ञान।
अविचल ज्ञान कबीर का, यो गति विरला जान॥
-गोरखनाथ जी
7.
✒बाजा बाजा रहितका, परा नगरमे शोर।
सतगुरू खसम कबीर है, नजर न आवै और॥
-धर्मदास जी
8.
✒सन्त अनेक सन्सार मे, सतगुरू सत्य कबीर।
जगजीवन आप कहत है, सुरती निरती के तीर॥
-जगजीवन जी
9.
✒तुम स्वामी मै बाल बुद्धि, भर्म कर्म किये नाश।
कहै रामानन्द निज हमरा दृढ़ विश्वास।।
-रामानन्द जी
10.
✒बंदीछोड़ हमारा नामम्, अजर अमर अस्थिर ठामम्।।
-कबीर जी
✒तारण तरण अभय पद दाता, मैं हूँ कबीर अविनाशी।
-कबीर
✒कबीर इस संसार को, समझांऊ के बार ।
पूंछ जो पकङे भेड़ की, उतरया चाहे पार ॥
-कबीर साहेब**
सत् साहेब..
आएं देखें परमात्मा प्राप्त संतो की वाणी में क्या है प्रमाण!!
1.
✒सतगुरु पुरुष कबीर हैं, चारों युग प्रवान।
झूठे गुरुवा मर गए, हो गए भूत मसान।।
-गरीबदास जी
✒अनंत कोटि ब्रम्हांड में, बंदीछोड़ कहाये।सो तो पुरष कबीर है, जननी जने न माय।।
-गरीबदास जी
✒हम सुल्तानी नानक तारे, दादु को उपदेश दिया।जाति जुलाहा भेद न पाया,कशी माहे कबीर हुआ।।
-गरीबदास जी
2.
✒और संत सब कूप हैं, केते झरिता नीर।
दादू अगम अपार है, दरिया सत्य कबीर।।
-दादु दयाल जी
✒जिन मोको निज नाम दिया,सोई सतगुरु हमार।दादु दूसरा कोई नहीं, कबीर सृजनहार।।
-दादु दयाल जी
3.
✒खालक आदम सिरजिआ आलम बडा कबीर॥
काइम दिइम कुदरती सिर पीरा दे पीर॥
सयदे (सजदे) करे खुदाई नू आलम बडा कबीर॥
-नानक जी
✒यक अर्ज गुफ्तम पेश तोदर कून करतार।हक्का कबीर करीम तू बेऐब परवरदिगार।।
-नानक जी
✒नानक नीच कह विचार, धाणक रूप रहा करतार।
-नानक जी
4.
✒वाणी अरबो खरवो, ग्रन्थ कोटी हजार। करता पुरुष कबीर है, रहै नाभे विचार।।
-नाभादास जी
5.
✒साहेब कबीर समर्थ है, आदी अन्त सर्व काल।
ज्ञान गम्य से दे दीया, कहै रैदास दयाल॥
-रैदास जी
6.
✒नौ नाथ चौरसी सिद्धा, इनका अन्धा ज्ञान।
अविचल ज्ञान कबीर का, यो गति विरला जान॥
-गोरखनाथ जी
7.
✒बाजा बाजा रहितका, परा नगरमे शोर।
सतगुरू खसम कबीर है, नजर न आवै और॥
-धर्मदास जी
8.
✒सन्त अनेक सन्सार मे, सतगुरू सत्य कबीर।
जगजीवन आप कहत है, सुरती निरती के तीर॥
-जगजीवन जी
9.
✒तुम स्वामी मै बाल बुद्धि, भर्म कर्म किये नाश।
कहै रामानन्द निज हमरा दृढ़ विश्वास।।
-रामानन्द जी
10.
✒बंदीछोड़ हमारा नामम्, अजर अमर अस्थिर ठामम्।।
-कबीर जी
✒तारण तरण अभय पद दाता, मैं हूँ कबीर अविनाशी।
-कबीर
✒कबीर इस संसार को, समझांऊ के बार ।
पूंछ जो पकङे भेड़ की, उतरया चाहे पार ॥
-कबीर साहेब**
सत् साहेब..
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें