शनिवार, 21 मई 2016

हम कब सुधरेंगे जी

हम कब सुधरेंगे जी



ये अन्धविश्वास,पाखंड,ढोंग नही तो और क्या है ?
गर्भ धारण व शिशु पैदा होने का कोई मूहुर्त नही....

मृत्यु का कोई मुहूर्त नही ., क्योंकि ये बातें प्राकृतिक है।
विद्यालय मे प्रवेश ,परीक्षा मे प्रवेश , नौकरी हेतु इंटरव्यू, नौकरी की ज्वाइनिंग ,वेतन पाने इत्यादि का कोई मुहूर्त नही , पहले से तिथि निर्धारित होती है . और अंधभक्त इसके लिए मुहूर्त ढूंढते भी नहीं ...
फिर नामकरण ,शादी ,मकान हेतु भूमि पूजन ,गृह प्रवेश , मृत्यु भोज (terahi) इत्यादि कर्म कान्ड मे मुहूर्त कैसे घुस गया ???
जाहिर है धूर्त , बेइमान लोगो ने अपने निहित स्वार्थ हेतु समाज को गुमराह किया व उनके दिमाग को खराब किया
"मुहूर्त "एक कूटरचित शब्द है ,इस को रचने वालो पोगे पंथियो का बहिष्कार होना चाहिए जी । और इन दकियानुषि कुरीतियों का विरोध । निचे लिखे लिंक पर क्लिक करो जी और अपने मित्रों को इस ग्रुप में एड करो जी भगत और जगत सभी को करो जीwww.facebook.com/groups/arya.nareshdas/ परमेश्वर के आने से पहले "फॉलोवर ऑफ़ जगतगुरु रामपाल जी " ग्रुप में लाखों फॉलोवर होने चाहिए जी ।अभी तक मात्र 32000 हैं जी इसलिए अधिक से अधिक एड करें जी ताकि निर्मल और श्रेष्ट समाज के मिशन में आपकी भी आहुति डले और आप भी पूण्य के भागी हों जी 🙏जयबन्दीछोड़की🙏

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