सोमवार, 21 अक्टूबर 2024

श्री कृष्ण के लिए बांसुरी का क्या महत्व है... आइए पढ़ते है सीक्रेट..

 "मुरली मनमोहिनी, बांसुरी बजाए, गोपियां मरक जाए"

श्री कृष्ण जी की बांसुरी उनके जीवन और लीलाओं में एक अहम भूमिका निभाती है। यह माना जाता है कि बांसुरी का स्वर उनके मन को शांति प्रदान करता था और उन्हें गोपियों के साथ रात्रि रास में आकर्षित करने का माध्यम बांसुरी बनती थी। खैर श्री कृष्ण जी की बचपन जीवन लीलाओं से तो आप बखूबी परिचित होंगे जो आपने टीवी,सीरीज, बुक्स में पढ़ी होगी। वो बांसुरी बजाकर गोपियों और क्षेत्र के सभी लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करके बुलाते और उन्हें भजन गायन सुनाया करते थे।

पर रुको रुको...बांसुरी से मुझे एक बार पढ़ी हुई एक अद्भुत सच्ची कथा याद आई जो शायद ही आपने पहले कभी सुनी हो। ये कथा है संत मलूक दास जी की जो पहले श्री कृष्ण जी के परमभक्त थे पर उसके पश्चात उन्हें सच्चे सतगुरु मिले जिनकी महिमा का वर्णन उन्होंने बहुत सुंदर तरीके से किया है।

"एक समय गुरू बंसी बजाई, कालंद्री के तीर।
सुर नर मुनिजन थकत भये, रूक गया जमना नीर।
अमृत भोजन म्हारे सतगुरू जीमें, शब्द दूध की खीर।
दास मलूक सलूक कहत है, खोजो खसम कबीर ।।"

अर्थात् संत मलूक दास जी ने स्पष्ट किया है कि परमात्मा कबीर जी का नाम जपा करो। उस (खसम) सर्व के मालिक कबीर जी की खोज करो, उसे पहचानो। सत्य साधना करके सतलोक में कबीर खुदा के पास जाओ। जैसे श्री कृष्ण के विषय में बताया जाता है कि वे बांसुरी मधुर बजाते थे। उसको सुनकर सिर्फ नगरवासी, गोपियाँ व गायें खींची चली आती थी। यानी उनके द्वारा बजाई बांसुरी की आवाज श्री कृष्ण जी की बांसुरी की आवाज से भी मनमोहक थी।
मलूक दास ने बताया है कि एक समय मेरे सतगुरु कबीर जी ने (कालंद्री) जमना दरिया के किनारे बांसुरी बजाई थी जिसको सुनकर स्वर्ग लोक के देवता, ऋषिजन तथा आस-पास के गाँव के व्यक्ति खींचे चले आए थे। और क्या बताऊँ! जमना दरिया का जल भी रूक गया था। मेरे सतगुरू शब्द की खीर खाते हैं यानि अमृत भोजन के साथ-साथ अमर आनंद भी भोगते हैं। संत मलूक दास जी ने आँखों देखा बताया कि कबीर पूर्ण ब्रह्म (कादर अल्लाह) है, श्री कृष्ण से भी सर्वश्रेष्ठ है।
ये अनोखा अद्भुत हैरान कर देने वाला विवरण मैंने तो पहले कभी नहीं पढ़ा था, पर ये पढ़ने को तब मिला जब मुझे प्राप्त हुई पवित्र पुस्तक "हिंदू साहेबान नहीं समझे गीता, वेद, पुराण"। इसका शीर्षक ही झकझोड़ देने वाला है। साथ ही इसमें लिखे श्रीमद्भागवत गीता जी के रहस्य तो आज भी हर पल मेरे मन को छू लेते हैं। भक्ति और भगवान से परिपूर्ण इस पुस्तक ने मेरे ज्ञान चक्षु खोल मुझे सत्य से अविगत कराया है। अगर आप भी श्री कृष्ण जी और गीता जी के अद्भुत रहस्य जानना चाहते हैं तो आप इस नंबर 
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आभार :)

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