गुरुवार, 1 मार्च 2018

कड़वा सत्य जरूर पढ़िए

जो लोग वेदो मे लिखे कवि, कविरदेव को कबीर नहीं मानते व संत जेल में क्यूं है बाहर क्यूँ नहीं आ जाते इस प्रकार के सवाल करते हैं ऐसे भाई बहन इस लेख को अवश्य पढ़े।। 👇👇👇

तो महाशय कौन सा कवि है जिसे भगवान की संज्ञा मिली है कौन सा कवि है जो माता कै गर्भ में नहीं आया प्रगट हुआ है, कौन सा कवि है जिसने तीनो देवो से लेकर ब्रह्म, परब्रह्म व पारब्रह्म तक का ज्ञान दिया है, वो कौन सा कवि है जिसने एक परमात्मा का मैसेज व भक्ति विधि व सभी धर्मों के लोगों को एक होने का मैसेज दिया! वो कौन कवि है जो लोगों को चाहे किसी भी धर्म के हो उन्हें पाखडंवाद से बाहर आने की शिक्षा दी , और वो कौन कवि हुआ है जिनके लिए हिन्दू मुस्लिम अलग अलग विचारधारा होने के बावजूद उनके लिए मरने मिटने को आतुर हुए ऐसा कौन कवि हुआ है जो शरीर समेत यहां से अपने लोक को लोट गये।
अब वेदो ने तो ऐसे विलक्षण प्रतिभा वाले कवि को देव भगवान कहा है कविरदेव कहा है, आपको ऐसे
कवि का पता तो बताना हम तो उस वेदो मे वर्णित कविरदेव को कबिरदेव बोलते हैं आप कुछ ही समझे।।
और रही बात संत जी के जेल से बाहर आने की तो यही कंहुगा की वे आज बाहर आ जाये तो भी आपकी सोच वाले लोग उनके पैरों में तो लौटने से रहे, आपकी सोच नहीं बदलेगी उनके बाहर आने से, आपकी सोच बदलेगी उनके दिये प्रमाणित ज्ञान से, वे चमत्कार से भी बाहर आ जाये तो भी आप लोगों पर असर नहीं पडने वाला क्योंकि तुम कृष्ण को भज सकते हो, राम को भज सकते हो।। बुध्द को, महावीर को, लेकिन जब महाबीर जिंदा थे तो तुमने पत्थर मारे और जब बुध्द जिंदा थे तो तुमने उनकी हत्या की कोशिश की! अब तुम मीरा के गुणगान करते हो और जब मीरा जिंदा थी तो जहर के प्याले भेजे! तुम बडे अजीब लोग हो! तुम्हारा हिसाब कैसा है? अब जितने मंदिर जीसस के लिए समर्पित है, उतने किसी के लिए भी नहीं। ओर जब जीसस जिंदा थे तो तुमने क्या व्यवहार किया? जरा सोचो! जीसस को सूली खुद अपने कंधों पर ढोनी पडी!
जैसे जीसस कोई चोर हो, हत्यारे हो।
तुम लोग कैसे हो जिंदा गुरु को मारते हो,
और मरते ही उनकी पुजा शुरू कर देते हो।।
संत रामपाल जी महाराज ने कभी अपने को भगवान सिध्द करने की कोशिश नहीं की बल्कि परमात्मा कबीर भगवान की सटीक व प्रमाणित भक्ति देकर उन्होंने हमे करताथ किया है, बलिहारी गुरु आपने जो गोविंद दियो बताय।।
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