गुरुवार, 4 जून 2015

काफिर कौन

काफिर कौन 

प्रत्येक वो हिन्दू
काफिर है
जो भगवद्गीता जी के
विरुद्ध
साधना का ढोंग
करता हो।
प्रत्येक वो मुस्लिम
काफिर है जो कुराने
पाक के आदेश
ना मानता हो।
प्रत्येक जैनी,सिक्ख
या ईसाई जो स्वयं के
सदग्रंथ के ज्ञान
को ना स्वीकार करें
वो सब काफिर है।
प्रत्येक
वो व्यक्ति काफिर है
ढोगीं और पाखंडी है
जो वेदों को तो शिरोधार्य
मानता हो पर
कविर्देव या कबीर
को परमात्मा ना मानता हो।
∆ निरन्जन धन तेरा दरबार-२
जहाँ पर तनिक न न्याय विचार-२
∆ पाखंडी की पूजा जग में,
संत को कहैं लबार-२
अग्यानी को परम विवेकी,
ग्यानी को मूढ़ गँवार-२
∆ कहै कबीर सुनो भाई साधो,
सब उल्टा व्यव्हार-२
सच्चों को तो झूठ बतावैं,
इन झूठों का ऐतबार-२
∆ निरन्जन धन तेरा दरबार-२
संत सताये तीनो जाए, तेज बलऔर वंश |
ऐसे ऐसे कई गये, रावण कौरव कंश ||
*** सत- साहेब ***

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